क्या महाराष्ट्र में सच्ची साबित होगी तीन दलों की गुत्थी या सुनाई देंगे बगावत के स्वर

महाराष्ट्र के हालत देखकर लग रहा है कि यहां पर कर्नाटक जैसी हालात होने की पूरी आशंका है. यहां पर भी कर्नाटक की तरह अंदर के लेवल पर लड़ाई शुरू हो गई है. कर्नाटक में भाजपा अपनी सरकार ना बना ले इसके लिए कांग्रेस ने जनता दल के साथ गठबंधन कर लिया था. जिसके बाद गठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई थी.

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र  में भी बीजेपी को सत्ता  से बाहर रखने के लिए एनसीपी-कांग्रेस  ने शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व  में सरकार बनवाई. उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के बाद से गठबंधन के तीनों दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने बागी सुर अलापने शुरू कर दिए हैं. उद्धव कैबिनेट में शिवसेना सांसद संजय राउत के भाई सुनील राउत को जगह न मिलने से वे नाराज बताए जा रहे हैं. इसी के चलते कैबिनेट विस्ताार के दौरान संजय राउत वहां मौजूद नहीं थे. एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बारे में तो कहा जा रहा है कि वो जल्दह ही इस्तींफा दे सकते हैं. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी भी कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं.

सुरक्षित नहीं डीएम कार्यालय!  खनन से जुड़ी फाइलें चोरी

शिवसेना नेता संजय राउत उद्धव ठाकरे के नेतृत्वा में गठबंधन की सरकार बनवाने के बड़े सूत्रधार रहे हैं. बीजेपी पर लगातार तीखे हमला करके वे सुर्खियों में आए और पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर करारे प्रहार भी किए. सरकार बन गई पर उनके भाई को कैबिनेट में जगह नहीं मिली. ऐसे में संजय राउत के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित न होने से उनकी नाराजगी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. संजय राउत के भाई सुनील राउत मुंबई के विक्रोली से विधायक हैं. माना जा रहा था कि सुनील राउत मंत्री बनने के प्रबल दावेदारों में से थे. हालांकि संजय राउत ने सुनील राउत को मंत्री न बनाए जाने को लेकर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.

इस तिगड़ी के गठबंधन में पार्टी के अंदर कई तरह के कलह सुनने को मिल रहे हैं. कल मंत्रीमंडल के गठन के बाद से जिस भी विधायक को कोई मंत्री पद नहीं मिला उसका मुंह गुस्से फूल गया. शायद यही वजह है कि कुछ विधायक पार्टी से अलग हो गए.

LIVE TV