‘राम वन गमन मार्ग’ पर शोध करने वाले यदु नहीं रहे

मन्नूलाल यदुरायपुर। छत्तीसगढ़ में ‘राम वन गमन मार्ग’ पर शोध करने वाले मन्नूलाल यदु का शुक्रवार सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। छत्तीसगढ़ में यदु के निधन की खबर से शोक पसरा है। प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने यदु के निधन पर शोक प्रकट किया है। यदु ने छत्तीसगढ़ में राम वन गमन मार्ग पर कई शोध किए थे और इसके लिए कई पुरस्कार से सम्मानित हुए थे।

यदु ने ही बताया था कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के पास स्थित कोसीर राम के वनवास का प्रमुख केंद्र रहा है। राम का ननिहाल भी छत्तीसगढ़ में ही था। रावण-वध के बाद राम अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट बने। उन्होंने कोसल और दंडकारण्य राज्य भी रावण-वध के बाद ही जीते थे। दोनों राज्यों के सुचारु संचालन के लिए भगवान श्रीराम ने एक नई राजधानी कुशावती में बनाई थी।

शोध के अनुसार, सारंगगढ़ नामक स्थान ही प्रचानी काल में कोसीर था।

यदु के निधन पर पूरे प्रदेश के साहित्यिक वर्ग में शोक व्याप्त है। शुक्रवार शाम अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान रायपुर के लोहार चौक से निकाली गई। यदु का अंतिम संस्कार रायपुर में ही किया जाएगा।

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