मनरेगा योजना में धांधली करने वाले ग्राम प्रधान और जेई को जेल

मनरेगा योजनाचित्रकूट| उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले की एक स्थानीय अदालत ने मनरेगा योजना की धनराशि का दुरुपयोग करने का आरोप साबित होने पर रानीपुर भट्ट गांव की पूर्व महिला ग्राम प्रधान और आरईएस विभाग के जेई को सोमवार को सात-सात साल की कैद और 15-15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मनरेगा योजना

अभियोजन अधिकारी श्रीराम यादव ने मंगलवार को कहा, “रानीपुर भट्ट गांव में बंधीकरण और चेकडैम निर्माण के लिए जिला पंचायत से साल 2010 में सात लाख रुपये आवंटित किए गए थे।

इसमें गिट्टी, बालू और अन्य सामाग्री के नाम पर गांव की पूर्व ग्राम प्रधान सुशीला देवी और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) के कनिष्ठ अभियंता (जेई) जयप्रकाश ने मिलकर छह लाख 76 हजार 302 रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिया था।

जिला पंचायत के तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी के.एन. खरवार ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।”

यादव ने कहा, “दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सोमवार को पूर्व ग्राम प्रधान और जेई को दोषी पाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सुभाष सिंह की अदालत ने सात-साल साल कैद की सजा सुनाई और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दोनों को जेल भेज दिया गया है।”

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