रक्षा मंत्रालय की कमेटी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को दी बड़ी जिम्मेदारी, कांग्रेस को लगी मिर्ची

मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की कमेटी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमेटी का सदस्य बनाया गया है, इस कमेटी की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं. अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली साध्वी प्रज्ञा ने इस बार भोपाल से बड़ी जीत दर्ज की थी, लोकसभा चुनाव में उनके कई बयानों पर विवाद हुआ था.

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डिफेंस मामलों की इस कमेटी में कुल 21 सदस्य हैं, इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का भी नाम है. कमेटी में चेयरमैन राजनाथ सिंह के अलावा फारुक अब्दुल्ला, ए. राजा, सुप्रिया सुले, मीनाक्षी लेखी, राकेश सिंह, शरद पवार, जेपी नड्डा आदि सदस्य शामिल हैं.

कांग्रेस ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

साध्वी प्रज्ञा के कमेटी में शामिल किए जाने को कांग्रेस पार्टी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने इसकी निंदा की है, उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है. उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा था कि उनपर कार्रवाई करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया कि प्रज्ञा ठाकुर को डिफेंस कमेटी में शामिल किया गया है. बीजेपी सरकार ने नेशनलिज्म को नया मॉडल दिया है, बम ब्लास्ट मामले में ट्रायल पर चल रहीं नेता को डिफेंस मामलों की कमेटी में शामिल किया गया. चिंता की कोई बात नहीं, भारत माता की जय.

उन्होंने लिखा कि कुछ महीनों पहले पीएम ने ‘मन से माफ ना करने’ की बात कही थी, लेकिन अब संदेश साफ है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के अच्छे दिन आ गए हैं.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जब से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया था, तभी से उनके बयान सुर्खियों में बने रहे. फिर चाहे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताना हो, विपक्षी नेताओं पर भाजपा नेताओं के ऊपर ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल किए जाने वाला वक्तव्य हो, कई बार प्रज्ञा विवादों में रही हैं.

हर बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनके बयान पर सफाई दी जाती है और उन्हें चेतावनी भी दी जाती है. इसके अलावा उन्होंने हेमंत करकरे को लेकर भी विवादित बयान दिया था.

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लोकसभा चुनाव के दौरान जब साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था, तो विपक्ष ने काफी हंगामा किया था. बढ़ते विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया था कि वह कभी भी साध्वी प्रज्ञा को मन से माफ नहीं कर पाएंगे. इसी के बाद बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा को विवादित बयान पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था और अनुशासनात्मक कमेटी को मामला सौंपा गया था.

आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और जमानत पर बाहर हैं. अभी भी ये मामला अदालत में चल रहा है. भोपाल में हुए मुकाबले में प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मात दी थी.

 

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