एमपी का विधानसभा सत्र सोमवार से, हंगामे के आसार
भोपाल| मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 17 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष चेतावनी दे चुका है कि निर्वाचन आयोग द्वारा ‘अयोग्य’ घोषित मंत्री नरोत्तम मिश्रा का सदन में प्रवेश करना वह बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में छह किसानों की मौत और 40 से ज्यादा किसानों की आत्महत्या का मुद्दा पूरी ताकत से उठाएगा। वहीं सत्तापक्ष किसान आंदोलन को हिंसक बनाने के पीछे कांग्रेस का ‘हाथ’ होने का आरोप लगाने से नहीं चूकेगा।
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विधानसभा का यह सत्र 17 से 28 जुलाई तक चलेगा, इस दौरान 10 बैठकें होंगी। सरकार पूर्व निर्धारित कार्यवाही पूरी कराने का भरसक प्रयास करेगी, मगर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तकरार के आसार भी बन रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सदन में प्रवेश करते ही ‘अप्रिय स्थिति’ बनने की चेतावनी दे चुके हैं। उनकी चेतावनी के मद्देनजर रविवार को सरकार के तीन मंत्रियों- उमाशंकर गुप्ता, गौरी शंकर शेजवार और विश्वास सारंग ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा को ज्ञापन सौंपकर विधायकों की सुरक्षा की मांग की है।
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अजय सिंह का कहना है, “एक अयोग्य घोषित व्यक्ति सदन में आएगा, तो क्या यह सदन की मर्यादा के खिलाफ नहीं होगा? अप्रिय स्थिति तो बनेगी ही। मिश्रा के सदन में आने का विरोध सभी सदस्यों को करना चाहिए, भले ही वे सत्तापक्ष के क्यों न हों।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस सत्र में किसानों के मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दावों का क्या हुआ? किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार जश्न मनाने के लिए तरह-तरह के आयोजनों में लगी है। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।”
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