मदर्स डे : जन्म नहीं दिया, फिर भी निभाया मां का फर्ज

मदर्स डेकरनाल (हरियाणा)। अपने बच्चों के लिए सभी मां ममता का आंचल बिछा देतीं हैं। उसकी खुशियों के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मां से मिला रहे हैं जिन्होंने न जाने कितने गरीब बच्चों की जिंदगी में अपनी ममता से उजाला भर दिया। बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए इन्होंने शादी तक नहीं की। सभी बच्चों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त बेहतर स्कूलों में पढ़ा रही हैं। ऐसी ही एक मां है सेक्टर 31 निवासी शोभा सूद। मदर्स डे पर ममता की इनसे बेहतरीन मिसाल शायद ही मिले।

मदर्स डे स्‍पेशल : ममता से भरी ये मां

खुद शोभा कहती हैं कि भले ही मैंने इन बच्चों को जन्म नहीं दिया। लेकिन सभी से मुझे बहुत प्यार है। इन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आती है तो मेरा दिल भी खुश हो जाता है। मां का सपना पूरा करना ही बना उद्देश्य 65 वर्षीय शोभा सूद की मां दिव्यांग थीं। उन्हें और उनकी मां को बच्चों से बहुत प्यार था। उन्होंने बच्चों के भविष्य को संवारने को जीवन का लक्ष्य बना लिया। बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते दो बच्चे टीना और सोनिया उनके पास ही रहने लगीं।

दोनों डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं। वह कहती हैं कि स्कूल में भी इन बच्चों के अभिभावक के तौर पर मुझे ही जानते हैं। बड़ी बेटी टीना के दस वीं दस सीजीपीए आए थे। उस दौरान मुझे लगा कि मेरी मेहनत सफल हुई। अब तो लगता ही नहीं कि ये मेरी बच्चे नहीं हैं। डीएवी स्कूल में 12वीं में पढ़ने वाली टीना ने बताया कि भले ही हमें शोभा मां ने जन्म न दिया हो, लेकिन वो हमारी सगी मां से भी बढ़कर हैं। उनकी बदौलत ही हमारी जिंदगी संवरी हैं। उन्होंने हमारी छोटी से लेकर बड़ी खुशी का ख्याल रखा है।

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