इतालवी नौसैनिकों की रिहाई के लिए देनी होगी वापसी की गारंटी

रोम। यूएन आर्बिट्रेशन कोर्ट ने भारत को इटली की नेवी के एक मरीन को छोड़ने के आदेश दिए हैं। इतालवी फॉरेन  मिनिस्ट्री और यूएन कोर्ट ने कहा है कि भारत को इतालवी नौसैनिकों को अब इटली वापस भेज देना चाहिए। इनको दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

मछुआरों की हत्या का मामला

मछुआरों की हत्या

आपको बता दें कि दो इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, इतालवी नौसैनिकों का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को गलती से समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी।

एक आरोपी नौसैनिक पहले ही लौट चुका है इटली

एक आरोपी नौसैनिक पहले ही इटली लौट चुका है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि अब इटली के जिस नौसेनिक को रिहा करने की मांग यूएन के ट्रिब्यूनल के हवाले से की जा रही है, उसे एक शर्त पर ही छोड़ा जाएगा।

वहीँ दूसरी ओर भारतीय सरकार का कहना है कि इस नौसैनिक की रिहाई तभी होगी जब इटली उसकी वापसी की गारंटी दे। क्योंकि  इतालवी फॉरेन मिनिस्ट्री ने इससे पहले एक नौसैनिक के लौटने को लेकर अपना एक बयान दिया था।

बयान में कहा गया था, ‘इस फैसले के बाद हम भारत से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि हम जल्द से जल्द उसे वापस लेकर आये।’ उनका ये भी कहना था कि हेग कोर्ट आगे भी दोनों मरीन्स के खिलाफ मेरिट के आधार पर सुनवाई जारी रखेगा।

इसके तहत भारत ने एक मरीन मसीमिलियानो लातोर को हेल्थ प्रॉब्लम की वजह से इटली जाने दिया था। लेकिन दूसरे नौसेनिक सल्वातोर गिरोन को भारत से छोड़ने की परमिशन नहीं दी थी।

यह मामला भारत और इटली के बीच का है। इटली हमेशा से ही इस मामले की सुनवाई इंटरनेशनल कोर्ट में चाहता था। पिछले साल दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी कि इस केस की सुनवाई अब हेग के परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में होगी।

बाद में इटली ने समुद्र कानून से संबंधित इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में भारत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी। उसका कहना था कि घटना भारतीय समुद्री इलाके में नहीं हुई है। इसलिए भारत को इस मामले में मुकदमा चलाने का हक नहीं है। फिलहाल गिरोन पिछले 4 साल से दिल्ली में हिरासत में है।

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