ये मशीनें दूर करेंगी जल भराव और मच्छरों की समस्या

मच्छर जनितकोलकाता| मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि शहर में एक सप्ताह में मानसून आ जाएगा और इसी के साथ कोलकाता नगर निगम (केएमसी) बारिश के मौसम में पानी जमा होने और मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। केएमसी ने इसके लिए लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

मच्छर जनित रोगों की रोकथाम

सीवरेज और जल निकासी के मेयर-इन-काउंसिल सदस्य तारक सिंह ने से कहा, “नए पंपिंग स्टेशन स्थापित करने के साथ ही हमने मेनहोल से गाद निकालने के लिए अर्ध स्वचालित मशीनें, नालियों, गड्ढों को खाली करने की मशीनें, सक्शन मशीनें और बालटी मशीनें खरीदी हैं। पुराने पंप मोटरों को भी बदला गया है।”

सिंह ने कहा, “ये मशीनें मजूदरों से ज्यादा प्रभावशाली होंगी।”

सिंह ने कहा, “हमने पिछले मानसून से भूमिगत नालियों की गाद निकालने का काम शुरू कर दिया था।”

उन्होंने कहा कि बारिश के बावजूद उत्तरी कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट और महानगर के दक्षिणी भाग में स्थित इकबालपुर जैसे पॉकेटों में पानी जमा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, “20 मिलीमीटर प्रति घंटे तक की वर्षा की स्थिति में पानी आधे घंटे में उतर जाएगा।”

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की थैलियां फेंककर नालियां जाम करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

केएमसी स्वास्थ्य विभाग ने भी मानसून की तैयारियों के तहत मलेरिया और डेंगू जैसी मच्छर जनित रोगों से मुकाबला करने के लिए 16 रैपिड एक्शन टीमें तैनात की हैं।

मेयर-इन-काउंसिल (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने आईएएनएस को बताया, “हमारे कार्यकर्ता हर सप्ताह हर इलाके में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं और मच्छरों के लार्वा खत्म करते हैं। 15 जून से 15 सितंबर के बीच हम लोगों को डेंगू और मलेरिया के बारे में जागरूक करेंगे।”

घोष ने कहा कि मच्छरजनित रोगों के ‘पीक सीजन’ सिंतबर में शहर में 100 जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

हर वॉर्ड की स्वास्थ्य देखभाल इकाइयां अब मलेरिया और डेंगू के लिए मुफ्त जांच और दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं।

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