मंगल ग्रह पर रोवर उतारने के बाद ड्रोन भेजने की तैयारी कर रहा NASA, वैज्ञानिकों से जानिए क्या होगा खास

अमेरिकी संस्थान नासा ने मंगल ग्रह पर अपना उपग्रह रोवर पर्सवियरन्स को भेजा था। जोकि मंगल की सतह पर सफलता पूर्वक लैंड हो चुका है। उसने वहां से अपनी पहली सेल्फी भी दुनिया के सामने साझा की है। नासा इसे अपने लिए एक बड़ी उपलब्धी मानता है। इसी के साथ नासा किसी अन्य ग्रह के वायुमंडल में ड्रोन उड़ाने वाली विश्व की पहली अंतरिक्ष एजेंसी बनने जा रहा है। नासा ने पहले ही मंगल ग्रह पर अपने रोवर को भेज दुनिया को हैरान कर दिया है वहीं अब यह ड्रोन भेज एक नया इतिहास रचनेकी दौड़ में लगा हुआ है।

नासा ने रोवर को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि मंगल पर जेजेरो क्रेटर (महाखड्ड) के आसपास अतीत में मौजूद रहे जीवन के साक्ष्य तलाशने में रोवर लग चुका है। साथ ही कहा कि अब से 31 वें दिन ‘इंगेनुइटी हेलिकॉप्टर’ (ड्रोन) की संभावित उड़ान एक महत्वपूर्ण परीक्षण साबित होने वाला है। दो पंखों वाले इस ड्रोन का वजन करीब 1.8 किग्रा है और यह 0.49 मीटर लंबा है। एक सामाचार एजेंसी से बात करते हुए नासा के जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी (जेपीएल) के सीनियर रिसर्च वैज्ञानिक गौतम चटोपाध्याय ने कहा कि, “यह ड्रोन एक प्रौद्योगिकी प्रस्तुति है, इसका यह मतलब है कि हम एक नयी प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने जा रहे हैं और ऐसा कर कोई वैज्ञानिक डेटा एकत्र करने नहीं जा रहे हैं।”

जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी के सीनियर रिसर्च वैज्ञानिक गौतम चटोपाध्याय ने आगे कहा कि, “अब, यदि हमारे पास एक हेलिकाप्टर या इस तरह की उड़ने वाली कोई चीज हो, जो वहां जा सके, कुछ निगरानी कर सके, डेटा एकत्र कर रोवर को भेज सके तथा फिर रोवर यह फैसला करे कि क्या उस डेटा के आधार पर और कुछ क्षेत्रों में और अधिक अन्वेषण करने की जरूरत है, यह कहीं अधिक दिलचस्प होगा।”

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