खौफनाक सच… 1970 से चल रहा है भूतों का रेडियो स्टेशन

भूतों का रेडियो स्टेशनन्यूयॉर्क। आज के इस दौर में भूत-प्रेत या एलियंस के बारे में बात करने वाले लोगों को पागल समझा जाता है। लेकिन सेंट पीटर्सबर्ग के समुद्री इलाके में एक ऐसी रेडियो आवृत्ति गूंजती है, जिसके बारे में बड़े-बड़े वैज्ञानिक दशकों से पता नहीं लगा पाए।

भूतों का रेडियो स्टेशन

इस आवृत्ति को पहली बार 1970 के दशक में रिकॉर्ड किया गया था। उस समय इसे रूसियों का चैनल समझा गया और ‘द बजर’ या ‘एमडीजीएचबी’ के नाम से पुकारा गया।

धीमे-धीमे वक़्त बीतता गया और कई साल गुजर जाने के बाद भी जब वैज्ञानिक इस आवृत्ति का पता नहीं लगा पाए तो रूसी सेना की मदद ली गई। लेकिन रूसी भी इस आवृत्ति का पता न लगा सके।

वैज्ञनिकों के मुताबिक सुनने में ये आवृत्ति रूसी भाषा की लगती है, जिसमे कोई कुछ बताना चाह रहा है। लेकिन इसे समझ पाने में पता नहीं कितना वक़्त लगेगा।

बता दें कि इस आवृत्ति को पहली बार 1982 में दर्ज किया गया था। ये आवृत्ति 4625 kHz की गूंज के साथ रेडियो पर सुनी जा सकती है।

सिटी यूनिवर्सिटी लंदन के सिग्नल इंटेलिजेंस के प्रोफेसर डेविड स्टुपल्स ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि आजतक सिग्नल की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

काफी लोगों का मानना है कि यह तरंगे भोतों से संबंध रखती हैं, वहीं कुछ इसे दूसरी दुनिया से जोड़कर देखते हैं।

उन्होंने कहा ये सिग्नल कहां से आ रहा है इसके बारे में भी कोई पुख्ता साक्ष्य सामने नहीं आये हैं।

प्रोफेसर स्टुपल्स के मुताबिक ये आवृत्ति रूसी सेना से संबंधित हो सकती है, जिसके बारे में वो किसी को बताना नहीं चाहते।

उन्होंने कहा हो सकता है इस सिग्नल का इस्तेमाल एलियंस से संपर्क करने के लिए किया जाता हो।

हालांकि प्रोफेसर स्टुपल्स ने साफ़ किया कि जब तक इस आवृत्ति के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल जाती, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

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