भाषा विश्वविद्यालय: जल संरक्षण को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में आज यूथ पावर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में जल संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि अष्टानंद पाठक, वित्तीय सलाहकार उत्तर रेलवे, विशिष्ट अतिथि अनुराधा गुप्ता, सचिव पृथ्वी फाउंडेशन, शिव प्रसाद शुक्ल युवा अध्यक्ष, यूथ पावर एसोशिएशन, डॉ तनु डंग समन्वयक, डॉ प्रियंका सयोंजक मौजूद रहे।

विश्विद्यालय विगत कई वर्षों से सी एस आर गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता रहा है। इस क्रम में मतदाता जागरूकता, सरकारी योजनाओं के लिए अभियान तथा महिला सशक्तिकरण जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं। इन गतिविधियों के चलते कार्यक्रम में यूथ पावर असोसिएशन द्वारा भाषा विश्वविद्यालय को सामाजिक सहभागिता एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार कार्य करने के लिए कम्युनिटी कम्यूनिटी चैंपियन 2022 का अवार्ड दिया गया।

कार्यक्रम के संचालनकर्ता अंकित मौर्य ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को यूथ पावर एसोशिएशन से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि संस्था जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर बीते तीन वर्षो से से सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रत्यनशील है। साथ ही संस्था अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी लगातार काम कर रही है।

कार्यक्रम में प्रो चन्दना डे, अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान विभाग ने स्वागत दिया और बताया कि जल संरक्षण अनादिकाल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। हमारे पूर्वज वरुण तथा इंद्र देव की पूजा करते रहे हैं। जल न केवल हमारे देश में बल्कि पूरे विश्व में एक निर्णायक भूमिका में आ चुका है।संस्था के अध्यक्ष श्री प्रसाद शुक्ल ने जोश से भरे हुए अंदाज़ में युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युवा शब्द को अगर पलटा जाए तो ये वायु बन जाता है, और वायु कुछ भी परिवर्तन कर सकती है। उन्होंने कहा कि “संघर्षों के साये में इतिहास हमारा पलता है, जिस और जवानी चलती है उस ओर ज़माना चलता है।” संस्था की प्रवक्ता प्रार्थना कुमारी ने कविता के माध्यम से जल प्रदूषण रोकने तथा जल संरक्षण का संदेश दिया।

पृथ्वी फाउंडेशन की सचिव अनुराधा गुप्ता ने “वसुधैव कुटुम्ब” का भाव अपनाने तथा प्रकति के प्रति करुणा भाव रखने की अपील की। उन्होंने हर घर में फलों की गुठलियों को एकत्र कर उन्हें गुठली बैंक में परिवर्तित तथा पोषित करने की प्रेरणा भी दी। मुख्य अतिथि अष्टानंद पाठक ने कार्यक्रम में अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि अपने स्कूल के दिनों में जब उन्हें वायु प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों पर पढ़ाया जाता था, तब वे इन मुद्दों को महसूस नही कर पाते थे, किंतु आज ज़हरीली हवा हमारे आस पास की सच्चाई बन चुकी है। जल संरक्षण भी आज एक ऐसा मुद्दा है। जल की कमी से आज हम सभी भलीभाँति परिचित हैं और हमें तत्काल इस ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को निशुल्क सिविल सर्विसेज की तैयारी हेतु कोचिंग देने एवं चयनित विद्यार्थियों को इंटर्नशिप देने की बात भी कही।

कुलपति एन बी सिंह ने छोटे छोटे अवसरों में बढ़े मौके तलाशने की बात की। जिसकी औपचारिकताएं जल्द ही पूर्ण कर ली जायेगी। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों को श्रमदान कर जल संरक्षित करने को कहा। उन्होंने अपने उद्बोधन के अंत में “जल है तो कल है” का मूल मंत्र भी दिया। कार्यक्रम के अंत में यूथ एंबेसडर बने सौरभ सिंह, शिक्षा विभाग, साम्राज्ञी , शौर्य पटेल बायो टेक विभाग भाषा विश्विद्यालय तथा शिवम मौर्य, लखनऊ पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यशाला के अंत में संयोजक डॉ तनु डंग ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला की समन्वयक डॉ प्रियंका सूर्यवंशी रही। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ नीरज शुक्ला, प्रो एहतेशाम अहमद, प्रो सैयद हैदर अली, प्रो सौबान सईद, डॉ जावेद अख़्तर डॉ बुशरा अलवेरा तथा अन्य शिक्षक एवं अनेक छात्र छात्राएं मौजूद रहें।

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