भारत बंद: कल पूरे देश में 8 करोड़ व्यापारी करेंगे हड़ताल, बाजार बंद के साथ जगह-जगह होगा चक्का जाम

किसान आंदोलन के बीच शुक्रवार को एक बार फिर भारत बंद होगा। करोड़ों व्यापारियों वाले कॉन्फैडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए शुक्रवार 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है। इस दिन देशभर के बाजार बंद रहेंगे और कोई भी व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी। देश के सभी राज्यों में व्यापारिक संगठनों ने व्यापार बंद में शामिल होने का निर्णय लिया है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि 26 फरवरी को अपनी बात मुखर रूप से उठाने के लिए दिल्ली सहित देश भर में लगभग 1500 स्थानों पर ‘आग्रह धरना’ आयोजित होंगे। वहीं दूसरी ओर कोई भी व्यापारी उस दिन जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन न करके अपना विरोध दर्ज करेंगे।

जीएसटी ने बढ़ाई व्यापार वर्ग की परेशानी
खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी मूल घोषित उद्देश्य के एकदम विरुद्ध चला गया है, जिसके पालन ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर प्रणाली को सरल और तर्कसंगत बनाने के बजाय किस तरह से व्यापारियों पर कर पालना का ज्यादा से ज्यादा बोझ डाला जाए, इस दिशा में जीएसटी कॉउन्सिल काम कर रही है, जो की निहायत अलोकतांत्रिक है।

40000 से अधिक व्यापारी संगठन होंगे शामिल
उन्होंने कहा कि कैट के भारत बंद के आह्वान को आॅल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसएिशन (एआईटीडब्ल्यूए) समर्थन कर रहा है और 26 फरवरी को चक्का जाम करेगा। खंडेलवाल ने कहा, ‘26 फरवरी को देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैट के साथ 40,000 से अधिक व्यापारी संघ बंद का समर्थन करेंगे।

जीएसटी नियमों 950 संशोधन हो चुके
उन्होंने कहा कि जीएसटी को एक सरलीकृत और युक्तिसंगत कर प्रणाली बनाने की जरूरत है, जिसमें एक साधारण व्यापारी भी आसानी से जीएसटी के प्रावधानों का पालन कर सके। ‘स्वैच्छिक अनुपालन’ एक सफल जीएसटी व्यवस्था की कुंजी है। खंडेलवाल ने कहा कि चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक लगभग 950 संशोधन किये गये हैं। जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे तथा अनुपालन बोझ बढ़ना कर व्यवस्था की प्रमुख खामिया हैं।

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