भारत-चीन फिर आ सकते हैं आमने-सामने, बन रहा ब्रह्मपुत्र पर नया चीनी डैम का प्लान

चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विवादास्पद जलविद्युत परियोजना का निर्माण शुरू करने की योजना बना रहा है जिसे भारत और चीन फिर से आमने-सामने हो सकते हैं। एक चीनी राजनयिक की माने तो यह परियोजन अपने “प्रारंभिक चरण’ में है।

ख़बरों की मानें तो चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विवादास्पद जलविद्युत परियोजना का निर्माण करने वाला है जिससे पूर्वी लद्दाख में LAC के पास चले करीब एक साल तक तनावपूर्ण गतिरोध के बाद दोनों पक्षों के बीच सामान्य हो रहे संबंधों में फिर से तकरार हो सकती है।

भारत को डर है कि चीन के नए प्रोजेक्ट से ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव में खलल पड़ सकता है जिससे पानी की कमी हो सकती है। बाढ़ आने की स्तिथि भी पैदा हो सकती है। पिछले साल के अंत में एक चीनी राजनयिक ने इस परियोजना को अपने “प्रारंभिक चरण’ में बताया था।

सोमवार को तिब्बती कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी और तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के अध्यक्ष चे डल्हा ने चीन की संसद द्वारा जारी एक प्रतिनिधि सम्मेलन में कहा कि चीन को इस विशाल जल विद्युत परियोजना पर एक साल के अंदर निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए और परियोजना के लिए व्यापक योजना और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।

2,900 किमी तक बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में अपने उद्गम स्थल से निकल के भारत और बांग्लादेश के माध्यम से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। चिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को “यारलुंग त्संगबो” कहा जाता है। इसके निचले हिस्से में प्रस्तावित हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को पिछले सप्ताह चीन की नई पंचवर्षीय योजना में सूचीबद्ध किया गया है, जो 2021-2025 की अवधि के लिए बनाई गई है।

चीनी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार चीन की योजना ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 गीगावाट (जीडब्ल्यू) बिजली उत्पादन क्षमता वाले जलविद्युत संयंत्र स्थापित करने की है, जो चीन की 22.5 गीगावॉट थ्री गोरजेस डैम को पछाड़कर दुनिया की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजनाबन जाएगी।

LIVE TV