भाजपा स्थापना दिवस: कहानी संघर्ष से जीत की…

आज यानी मंगलवार 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी ने अपना 41वां स्थापना दिवस मनाया। लेकिन कोरोना महामारी को ध्यान में रखत हुए इस बार किसी भी तरह का आयोजन पार्टी कार्यालय में नहीं किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ समेत पार्टी के कई दिग्गज नेतओं ने शुभकामनाएं दी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यह पूरा कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पार्टी से जुड़े तमाम नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दिन को खास बनाने के लिए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों की छतों पर भाजपा का झंडा लगाया।

क्या है पार्टी का इतिहास?

आज से 41 साल पूर्व 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी आस्तित्व में आई थी। बता दें कि पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक देवांगत अटल बिहारी बाजपाई ने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भाजपा को नया रूप दिया। जिस को याद करते हुए तब से अब तक पार्टी अपना स्थापना दिवस 6 अप्रैल को मनाती चली आ रही है। आपको यह भी बता दें कि देश की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा ने अने संघर्षों की बुनियाद आर.एस.एस के सहयोग के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मेतृत्व में सन 1951 में भारतीय जन संघ के रूप में पूरे देश के सामने रखी।

दौर संघर्ष का

वह दौर भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपाई के संघर्ष का था। जहां उन्होंने पार्टी को अपना अहम योगदान देकर विश्व विख्यात बनाया। आज उन्हीं के बल बूते पार्टी दुनियाभर में जानी जाती है। हालांकि पार्टी को अपने शुरुआती सफर में हर मोड़ पर असफलता ही हाथ लग रही थी। लेकिन पार्टी के दिग्गजों ने कभी हार नहीं मानी। जानकर आपको हौरानी होगी कि यह वही पार्टी है जिसे साल 1984 में लोकसभा की केवल 2 ही सीटें हासिल हुई थीं। वहीं वर्तमान में भाजपा ने लोकसभा की कुल 303 सीटों पर अपनी पकड़ बनाए रखी है।

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