चुनाव से पहले हुआ खुलासा, भाजपा क्यों नहीं देती मुस्लिमों को टिकट

भाजपा में मुस्लिमलखनऊ। यूपी चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के ही नेताओं ने आरोप लगाया है कि दूसरी पार्टी से आए नेताओं और बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को दिल खोलकर टिकट बांटे गए हैं। टिकट पाने वालों में कई बाहुबली नेताओं और अमीर लोगों को शामिल किया गया है। वहीं भाजपा में मुस्लिम समुदाय के नेताओं को भी इस बात का मलाल है कि उन्हें पार्टी में अपनी दावेदारी पेश करने का मौका नहीं दिया जाता।

भाजपा में मुस्लिम नहीं साबित कर पाए योग्यता!

यानी टिकट बँटवारे में जाति, क्षेत्र और समुदाय जैसे समीकरणों को लेकर भी खूब गुणा भाग किया गया लेकिन 371 सीटों पर बीजेपी को अल्पसंख्यक समुदाय से एक भी उम्मीदवार टिकट मिलने की योग्यता नहीं साबित कर पाया, ये थोड़ा हैरान करने वाला है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत हुई। खास तौर पर यूपी से। यहां से भाजपा को 72 सीटें मिलीं। लेकिन सत्ताधारी पार्टी का एक भी सांसद मुलमान नहीं है।

भाजपा में जो इक्का दुक्का मुसलमान चेहरे हैं उनमें मुख़्तार अब्बास नकवी झारखंड से राज्यसभा में पहुंचे हैं और राज्य मंत्री हैं। जबकि शाहनवाज हुसैन बिहार से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़कर हार गए।

इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव में और न ही विधान सभा चुनाव के उम्मीदवारों में मुसलमान नजर आए। वैसे भी बीजेपी में मुस्लिम समुदाय का आकर्षण बहुत ज्यादा नहीं देखा जाता।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस समुदाय के लोगों का पार्टी को बिल्कुल समर्थन न हो और ऐसा भी नहीं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण जगह न दी गई हो।

पार्टी ने 371 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है, क़रीब 20 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ रही है और अब कुछ ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बची है।

मुस्लिम समुदाय के लोगों को भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के मामले में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी का कहना है कि भाजपा दिखावे के लिए काम नहीं करती। भाजपा का मूल मन्त्र ‘सबका साथ-सबका विकास’ है। पार्टी इसी भावना से काम करती है।

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