भाजपा के अम्बेडकर प्रेम का सच बताएगी बसपा

mayawati-rally-in-nawanshahr_landscape_1458049511एजेन्सी/बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से जुड़े पांच स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने के केंद्र सरकार का एलान पर सियासी घमासान तेज होने की संभावना है। बसपा ने इसे दलित वोट बैंक हथियाने की भाजपा की असफल कोशिश साबित करने की रणनीति पर काम शुरू किया है।

उत्तर प्रदेश के अगामी विधानसभा चुनाव में बसपा ने भाजपा के अम्बेडकर प्रेम की असलियत जनता को बताने की योजना बनाई है। साथ ही कांशीराम को भारत रत्न नहीं दिए जाने का मुद्दा भी गरमाने वाला है।

उत्तर प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख दलों ने दलित वोट बैंक पर डोरे डालने के प्रयास शुरू किए हैं। पलटवार में बसपा जबाबी रणनीति पर काम कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने लखनऊ में दलित नेतृत्व विकास सम्मेलन का आयोजन कर इस वोट बैंक पर पकड़ बनाने की कोशिश की।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दलितों के बीच यह संदेश देने की कोशिश में जुटे हैं कि कांग्रेस ही उनकी असली हितैषी है। उधर भाजपा ने अम्बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष पर कई कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की है। इसी क्रम में अम्बेडकर से जुड़े पांच स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर दलितों को रिझाने की योजना है।अम्बेडकर की जन्मभूमि, लंदन में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान उनके आवास, नागपुर में शिक्षा प्राप्ति के स्थल की दीक्षा भूमि, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थली और मुंबई में उनके दादर चौपाटी स्थित चैत्य भूमि को इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव है। बसपा केंद्र की इस योजना को महज कागजी बता रही है। बसपा ने केंद्र सरकार के ही दस्तावेजों के आधार पर उसे घेरने के रणनीति बनाई है।

बसपा अपने वोट बैंक को बताएगी कि केंद्र इस योजना के प्रति गंभीर नहीं है।  बसपा ने सबूत के रूप में लोकसभा में केंद्र सरकार के उत्तर के इसका आधार बनाया है। लोकसभा में एक सदस्य चिन्तामन नावाशा वांगा के एक सवाल के उत्तर में पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा था कि वर्तमान में डा. बी आर अम्बेडकर से संबंधित पांच स्थानों को पंचतीर्थ पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सदस्य ने इससे संबंधित योजना के ब्योरा भी मांगा था। उत्तर में मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई योजना फिलहाल नहीं है।

मंत्री ने प्रसाद तीर्थस्थल जीर्णोद्धार के लिए प्रसाद योजना में अमृतसर, वेलाकन्नी, अजमेर, द्वारका, मथुरा, वाराणसी, गया, पुरी, अमरावती कांचीपुरम, केदारनाथ, कामख्या और पटना को शामिल करने का जिक्र किया। स्वदेश दर्शन योजना का भी जिक्र उत्तर में है लेकिन अम्बेडकर संबंधी किसी योजना से इनकार किया गया है।

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