इतिहास का कटु सत्य, भगवान राम की पत्नी ही नहीं उनकी माता का भी हुआ था अपहरण

भगवान रामरामायण कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। रामायण की कथा के अनुसार रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए माता सीता का अपहरण कर लिया था। इस बात को तो आप सब जानते होंगे लेकिन क्या आपको पता है माता सीता का अपहरण करने से पहले रावण ने भगवान राम की माता कौशल्या का भी अपहरण किया था। इस बात का उल्लेख ज्यादी कही नहीं मिलता है। तो चलिए आज हम आपको बताते है की किस प्रकार रावण ने माता कौशल्या का अपहरण किया था।

रामायण की एक कथा के मुताबिक रावण अपनी मौत की भविष्यवाणी को सुनकर डर गया था और अपनी मौत को टालने के लिए उसने माता कौशल्या का अपहरण कर लिया था।

भगवान ब्रह्मा ने रावण को पहले ही बता दिया था कि दशरथ और कौशल्या का पुत्र ही उसकी मौत का कारण बनेगा। अपनी मौत की भविष्यवाणी को टालने के लिए दशरथ और कैकेयी के विवाह के दिन ही रावण ने कौशल्या का अपहरण कर लिया था।

अपहरण करने के बाद रावण कौशल्या को डब्बे में बंद करके एक सुनसान द्वीप पर छोड़ आया था। रावण के द्वारा किए गए इस कृत्य के बारे में नारद ने राजा दशरथ को बताया। इसके साथ ही उन्होंने उस स्थान के बारे में भी बताया जहां कौशल्या को रखा गया था।

जैसे ही नारद ने इस अपहरण की जानकारी दी वैसे ही राजा दशरथ रावण से युद्ध करने के लिए अपनी सेना लेकर उस द्वीप पर पहुंच गए।

हालांकि रावण की शक्तिशाली सेना के सामने दशरथ की सेना ढ़ेर हो गई थी। लेकिन दशरथ ने हार नहीं मानी और एक लकड़ी के तख्ते की मदद से समुद्र में तैरते हुए उस बक्से तक पहुंचे जिसमें कौशल्या को बंद करके रखा गया था।

वहां जाकर दशरथ ने कौशल्या को उस बक्से से बंधनमुक्त किया और सकुशल अपने महल ले गए। माता कौशल्या का अपहरण करके रावण ने श्रीराम के जन्म से पहले ही अपनी मौत को टालने की कोशिश की थी। लेकिन इसमें रावण असफल रहा।

कथा के अनुसार रावण ने अपनी मौत की भविष्यवाणी को टालने के कई प्रयत्न किए। लेकिन वो असफल रहा आखिर में भगवन राम ने ही उसका वध किया।

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