भई ! मूंछें हों तो हर्ष कुमार जैसी, मिलिए वाराणसी के सुपर कॉप से …

रिपोर्ट – काशीनाथ शुक्ला

वाराणसी :  हिंदी फिल्म शराबी का एक मशहूर डायलॉग है, मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी | सवाल हो सकता है कि इतने लंबे समय बाद फिल्म और फिल्म के डायलॉग के चर्चे क्यों?  कारण है वाराणसी पुलिस महकमे के दारोगा हर्ष कुमार भदौरिया |

नत्थूलाल की तरह कोतवाली थाने के काल भैरव पुलिस चौकी में तैनात हर्ष कुमार भदौरिया की भी मूछों के चर्चे, इन दिनों हो रहे हैं | पुलिस महकमे से लेकर सोशल मीडिया तक हर्ष कुमार अपनी मूंछों की वजह से छाए हुए हैं | बाबा कालभैरव के दरबार में आने वाले भक्तों की नजर जब उनकी मूंछों पर जाती है तो वो भी ठिठक जाते हैं |

 

क्यों है मूंछों को लेकर दीवानगी?-

मूछों को लेकर हर्ष कुमार की दीवानगी नई नहीं है, बल्कि उन्हें तो ये विरासत में मिली है | हर्ष कुमार के पिता प्रहलाद सिंह भी पुलिस सेवा में कार्यरत थे और उन्हें भी लोग मूंछों की वजह से जानते थे |

हर्ष कुमार बताते हैं कि शुरूआती दिनों में उन्हें खेलों में ज्यादा रुचि थी, लेकिन पिता की रौबदार मूंछों और खाकी वर्दी आकर्षित करती थी | कुछ दिनों बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया |

बतौर कांस्टेबल 1982 में पुलिस सेवा में नौकरी शुरू की | 2012 में उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वो मूंछों को लेकर कुछ ज्यादा ही क्रेजी हो गए | हर्ष के मुताबिक सिंघम फिल्म के प्रमोशन के दौरान उनकी मुलाकात अजय देवगन से हुई थी |

इस दौरान उन्होंने अपनी और अजय देवगन की एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की तो लोगों ने खूब कमेंट किए | लोगों ने उनकी मूंछों की तारीफ करते हुए कहा कि असली सिंघम तो आप हो |

 

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मूंछों की वजह से बच्चे लेते हैं सेल्फी-

नौकरी के दौरान हर्ष की अधिकांश पोस्टिंग पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रही है | बरेली, नोएडा, गाजियाबाद सहित जिलों में वो रह चुके हैं | इस दौरान जिस थाने में उनकी तैनाती होती है, वो अपनी मूंछों की वजह से छाए रहते हैं |

हर्ष कुमार को अपनी मूंछों पर खूब नाज है और इसकी देखरेख में पूरा ध्यान भी रखते हैं | हर्ष बताते हैं कि मूंछें अब उनकी पहचान बन चुकी हैं | सोशल मीडिया पर उनकी लंबी चौड़ी फैन फालोइंग बन चुकी है | हर्ष बताते हैं कि फेसबुक पर तस्वीर पोस्ट करते ही धड़ाधड़ लोगों के कमेंट आने लगते हैं | वहीं बच्चों को सेल्फी लेना पसंद है|

 

 

मूंछों की वजह से भी है अपराधियों में खौफ-

हर्ष की जितनी रौबदार मूंछें हैं, उनकी वर्किंग भी उतनी स्टाइल ही कड़क है | पश्चिम यूपी में तैनाती के दौरान हर्ष के नाम से ही अपराधियों की घिघ्घी बंध जाती थी |

अब तक उन्होंने दो दर्जन से अधिक बदमाशों को मार गिराया है। उनकी जाबांजी को देखते हुए उन्हें जल्द प्रमोशन मिला | अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की होती है |

इसलिए लोग उन्हें रियल सिंघम के नाम से भी पुकारते थे | वाराणसी में पिछले चार महीने से वो कालभैरव कोतवाली में तैनात हैं | हर्ष के मुताबिक उनकी तैनाती के बाद से इलाके में क्राइम का ग्राफ बेहद नीचे है | बाबा के दरबार में आने वाले श्रद्धालु सुरक्षा की चिंता छोड़ दर्शन-पूजन में मन लगाते हैं |

 

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