ब्रिटेन की संसद ब्रेक्जिट की कहानी 30 महीने पहले हुई थी शुरू

ब्रिटेन की संसद में ब्रेक्जिट समझौते पर हुए ऐतिहासिक मतदान में प्रधानमंत्री टेरीजा मे को करारी हार का सामना करना पड़ा। समझौते के पक्ष में 202 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। इसी के साथ यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट को लेकर किया गया समझौता भी रद्द हो गया। ब्रिटेन को 29 मार्च को यूरोपीय संघ से अलग होना है और ये समय करीब आता जा रहा है।

ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के आने से सबसे बड़े राजनीतिक संकट की शुरुआत हुई। आज भी ये संकट जारी है। इस मुद्दे पर ब्रिटेन में पहला जनमत संग्रह 23 जून, 2016 को हुआ था। इसमें 52 फीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था। इस वोटिंग के अगले ही दिन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस्तीफा दे दिया।

टेरीजा मे 13 जुलाई, 2016 को ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने 2 साल में ब्रेक्जिट का दावा किया। मे कंजरवेटिव पार्टी से हैं। मे ने 2 साल में ब्रेग्जिट प्रक्रिया को पूरा करने के वादे के साथ शपथ ली।

29 मार्च, 2017 में सरकार ने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए आर्टिकल 50 लागू किया। इस आर्टिकल के अनुसार 2 साल के भीतर ब्रिटेन को समझौते के साथ या उसके बिना यूरोपीय संघ को छोड़ना होगा।

Orient ने लॉन्च किया देश का पहला Slim&Smart FAN आपकी आवाज़ पर करेगा काम

ब्रिटेन में 8 जून, 2017 में आम चुनाव हुए। इन चुनावों के नतीजे टेरीजा मे की पार्टी के लिए अच्छे नहीं रहे। पार्टी को इन चुनावों में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। संसद में यूरोपीय संघ से अलग होने का बिल 26 जून 2018 को पेश हुआ था।

ब्रेग्जिट मंत्री डेविस समेत टेरीजा कैबिनेट के 5 मंत्रियों ने 8 जुलाई, 2018 में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 14 नवंबर को कंजरवेटिव पार्टी ब्रेक्जिट डिवोर्स सेटलमेंट के लिए मान गई। फिर 15 नवंबर को 4 अन्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया।

LIVE TV