विजया बैंक और देना बैंक में विलय के बाद अब इस तैयारी में बैंक ऑफ बड़ौदा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने देशभर में अपनी 800 से 900 शाखाओं को घटाने की योजना बनाई है। यह कदम देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद परिचालन क्षमता में सुधार के लिए उठाया जा रहा है। इन तीनों बैंकों का विलय 1 अप्रैल से प्रभावी हो गया है।

विजया बैंक

बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बात का कोई मतलब नहीं है कि एक ही स्थान पर देना और विजया बैंक के साथ बीओबी की शाखाएं भी संचालित हों। ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं, जहां एक ही लोकेशन या बिल्डिंग में तीनों ही बैंकों की शाखाएं चल रही हैं। लिहाजा इन शाखाओं को या तो बंद किया जाएगा अथवा इन्हें युक्तिसंगत बनाया जाएगा, ताकि संचालन क्षमता पर असर न हो। उन्होंने कहा कि बीओबी ने इस तरह की 800-900 शाखाओं का चयन किया है, जिन्हें युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है।

इसमें कई शाखाओं को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा और कुछ को बंद करने की तैयारी है। इसके अलावा जिन शाखाओं की उपयोगिता नहीं है, उनका किसी अन्य शाखा के साथ विलय भी किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण, पश्चिम और उत्तरी भागों में कारोबार विस्तार के बाद अब बैंक की निगाह देश के पूर्वी क्षेत्रों में अपनी शाखाएं खोलने पर है।

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विलय से बढ़ गई शाखाओं की संख्या
गौरतलब है कि थ्री-वे मर्जर के बाद बीओबी के पास 9,500 शाखाएं और 85 हजार से ज्यादा कर्मचारी हो गए हैं। यह एसबीआई और पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है और इसका कुल बाजार पूंजीकरण 15 लाख करोड़ रुपये अधिक हो गया है। बैंक के पास मौजूदा समय में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 12 करोड़ हो गई है।

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