बैंक अधिकारियों की रिश्वतखोरी से तंग युवक ने लगाई फांसी, वीडियो किया वायरल

रिपोर्ट- दिलीप कटियार

फर्रुखाबाद- केंद्र की भाजपा सरकार बेरोजगारों के लिए लाख प्रयास कर ले लेकिन सरकारी तंत्र बेरोजगारी को दूर करने के लिए बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा है । सरकारी तंत्र ही बेरोजगारी को बढ़ाने में लगा हुआ है वही केंद्र में नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार गरीबी दूर करने के लिए प्रयासरत है।

और गरीबों को रोजगार देने के लिए बैंकों से ऋण लेकर रोजगार करने की बात कह रही है । बैंक मैनेजरों की रिश्वतखोरी के चलते बेरोजगार युवाओं को फांसी लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ऐसा ही मामला शहर कोतवाली क्षेत्र नारायणपुर आर्यावर्त ग्रामीण बैंक का है जहां बैंक अधिकारियों की रिश्वतखोरी से तंग आकर बेरोजगार युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। फांसी लगाने से पहले युवक मनीष ने बैंक अधिकार्यो की पोल खोलने के लिए वीडियो वायरल किये है ।

मनीष उर्फ़ मनु कोतवाली फर्रुखाबाद के ग्राम पपियारपुर निवासी स्वर्गीय प्रवेश शर्मा का 25 वर्षीय अविवाहित पुत्र था। मनु ने बीती रात ग्राम विजाधर पुर निवासी पंडित जी के बाग के पेड में प्लास्टिक की रस्सी से फासी लगा ली।पपियापुर निवासी विजय राजपूत की सूचना पर पीआरबी 3494 एवं रेलवे रोड चौकी इंचार्ज राजीव सिंह सिपाही सुरजेश के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मनु के शव को नीचे उतरवाकर पंचनामा भरा।

मनीष चार भाइयों में दूसरे नंबर का था मनु ने प्रधान मंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5 लाख के कर्जे के लिए आवेदन किया था। उसकी पत्रावली ग्रामीण बैंक नारायनपुर में भेजी गयी थी । ग्रामीण बैंक नारायनपुर में कर्जे के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया था ।पैसे भुगतान के लिए पूर्व मैनेजर और फिल्ड अधिकारी एके दीक्षित ने मनु से रिश्वत के 1 लाख 50 हजार रुपयों की मांग की थी।जो की मनु से 50 हजार रूपये दे भी दिए ।

जिसके बाद बैंक मैनेजर का तबादला और जगह हो गया ।जिसके बाद फिल्ड अधिकारी एके दीक्षित ने बाकि रूपये की मांग की मनु ने कहा था कि रूपये मिल जाने के बाद उसी में से तुम्हें कमीशन दे देंगे मेरे पास जो रुपये थे वह पत्रावली तैयार करने में खर्च हो गए हैं। मैनेजर और फिल्ड अधिकारी एके दीक्षित ने मनु से पुरे पैसे की मांग की जिसके कारण मनु काफी टेंशन में रहता था इसी टेंशन में उसने फांसी लगाई है।

बैंक अधिकारियों की बजह से आत्म हत्या करने से पहले वीडियो बनाये जिसमे उसके बैंक कर्मचारियों का भी वीडियो बनाया। परेशान युवक के लिए दर्जनों लोगों ने सिफारिस भी की थी।लेकिन किसी भी बैंक अधिकारी ने ध्यान नही दिया।वीडियो में उसने कहा कि सरकार गरीबो को बढ़ावा देने के लिए योजनाये चला रही है लेकिन स्थानीय अधिकारी जेबे भरने के लिए गरीबो को मौत के मुंह मे झोकने का काम कर रहे है।

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मरने से पहले उसने अपना वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया।जिससे इस प्रकार से कोई दूसरा बेरोजगार आत्म हत्या न कर सके।जबकि उसने बैंक आफ इंडिया से स्वरोजगार प्रतिक्षण योजना से डिप्लोमा भी किया था।उसी आधार पर उसका पांच लाख का लोग स्वीकृत हुआ था।लेकिन बैंक अधिकारियों को कमीशन न देने की बजह से उसने मौत को गले लगा लिया है।

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