बैंकों की कमर तोड़ रही PM मोदी की ये योजना, आरबीआई ने दी सरकार को चेतावनी…

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लेकर चिंता जताई है। आरबीआई ने वित्त मंत्रालय के साथ सभी बैंकों को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी है कि मुद्रा योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज से एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बढ़ रहा है। रिजर्व बैंक ने इस मामले में वित्त मंत्रालय को जरूरी दम उठाने के लिए भी कहा है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि आने वाले समय में मुद्रा योजना एनपीए का बड़ा कारण बन सकती है, जिससे बैंकिंग व्यवस्था को काफी घाटा हो सकता है। रिजर्व बैंत के मुताबिक मुद्रा लोन लेकर व्यवसाय शुरू करने वाले लोग पैसा चुका नहीं रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो बैंकिंग व्यवस्था के लिए यह बहुत नुकसानदेय होगा।

बता दें कि साल 2015-16 में 596.72 करोड़ रुपये का मुद्रा लोन एनपीए में बदल चुका है। वहीं, 2016-17 में एनपीए की यह राशि बढ़कर 3790.35 करोड़ रुपये हो गई। साल 2017-18 में यह राशि बढ़कर 1277 करोड़ रुपये हो गई। इस बाबत सरकार का कहना है कि यह कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है।

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पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दर में कुछ कमी कर सकता है।

बसु ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यहां आयोजित एक सत्र में कहा, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या ने बैंकों को सतर्क कर दिया है। हालांकि भारत में ब्याज दरों को कुछ कम करने की गुंजाइश है।

 उन्होंने कहा कि आरबीआई को पूर्ण स्वायत्तता के साथ अकेले छोड़ दिया जाना चाहिए। आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा फरवरी में होनी है।

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