मनोकामना पूर्ति के लिए जाएं बुलेट मंदिर, भगवान नहीं मोटर साइकिल की होती है पूजा

बुलेट मंदिरईश्वर सर्वव्यापी है. वह संसार के हर कोने में बसे हुए हैं. देश में कई मशहूर मंदिर हैं, जहां लाखों भक्त ईश्वर की उपासना करने जाते हैं. मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा होती है. लेकिन राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां 350 cc बुलेट की पूजा होती है. ये मंदिर पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है.

राजस्थान के पाली जिले में ओम बन्ना नाम का पवित्र मंदिर है. इस मंदिर में लोग दूर दूर से सफल यात्रा और मनोकामना मांगने के लिए आते हैं.

इस मंदिर में ओम की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि ओम बन्ना एक मोटर साइकिल के रूप में पूजे जाते हैं.

बुलेट मंदिर की स्थापना 

इनका पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ है. ये चोटिला ठिकाने के ठाकुर जोग सिंह के बेटे हैं.

राजपूतो में यंग लड़कों को बन्ना कहा जाता है. इसी वजह से ओम सिंह राठौड़ ओम बन्ना के नाम से मशहूर हुए.

साल 1988 में ओम बन्ना अपनी बुलेट पर ससुराल से घर आ रहे थे, तभी उनका एक्सीडेंट हो गया. ओम का ससुराल बगड़ी साण्डेराव में था. ओम सिंह का निधन उसी वक्त हो गया.

एक्सीडेंट के बाद उनकी मोटर साइकिल को रोहिट थाने में रख दिया गया. लेकिन अगले दिन बाइक अपनी जगह पर नहीं थी. पुलिस ने छानबीन की तो बुलेट उसी जगह मिली, जहां उनका एक्सीडेंट हुआ था. अगले दिन मोटर साइकिल को थाने में लाकर खड़ी कर दिया गया. एक बार फिर गाड़ी उसी जगह पर मिली. ऐसा कई बार हुआ तो बुलेट को चैन से बांधकर पुलिस स्टेशन में रखा गया. लेकिन बुलेट सबकी आंखों के सामने अपने आप एक्सीडेंट वाली जगह पर पहुंच गई.

गांववालों ने इसे चमत्कार मान कर मोटर साइकिल को वहीं स्थापित कर दिया. इस कहानी को लोग मानते हैं और यहां आकर मन्नतें मांगते हैं.

मंदिर बनने के बाद इस जगह कोई भी बड़ा एक्सीडेंट नहीं हुआ.

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