प्यासे बुंदेलखण्ड के मुंह से छीन लिया पानी

लखनऊ| यूपी सरकार के लिए प्यासे बुंदेलखण्ड की मदद के लिये केन्द्र का पानी ठुकराना गले की फाँस बन गया है| इस काम के लिए सपा सरकार की जम कर फजीहत हो रही है। राज्य सरकार ने इससे सबक लेते हुए अब केंद्र से 10 हजार खाली टैंकर भेजने का आग्रह किया है ताकि बुंदेलखंड में पानी भेजा जा सके|

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से केन्द्र सरकार से 10 हजार खाली टैंकर भेजने की गुजारिश की है ताकि बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित इलाके में पानी की आपूर्ति की जा सके|

बुंदेलखंड में पानी

बुंदेलखंड में पानी पर सियासत

हालाँकि इतना सब कुछ होते हुए भी प्रदेश के जल संसाधन मंत्री शिवपाल सिंह यादव के सुर अभी तक नहीं बदले हैं| उन्होंने केन्द्र सरकार के वाटर ट्रेन भेजने पर तंज करते हुए कहा है कि, ‘बिन मांगे भेजे गये इस पानी को रखने के लिये हमारे पास कोई जगह नहीं है। जब जरूरत होगी तो पानी मांगा जाएगा’।

वहीँ, मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भी पानी वाली ट्रेन भेजे जाने को गैर जरूरी बताया है| उन्होनें कहा, ‘पानी की ऐसी दिक्कत नहीं है कि हमें बाहर से पानी मंगवाना पड़े। हमने पानी के लिये प्रबन्ध किये हैं। हम मांग करेंगे कि खाली टैंकर भेजवाये जाएं। पानी की समस्या नहीं है, बस उसे पहुंचाने की समस्या है’।

दरअसल, उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार की ओर से उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसमें बुंदलेखंड में सूखा प्रभावित इलाकों में महाराष्ट्र की तर्ज पर ट्रेन से पानी देने के लिए कहा गया था। खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को पत्र लिख के कहा था कि यहां हालात लातूर जैसे गंभीर हालात नहीं है| जब हमें लगेगा कि पानी की जरूरत है तो आपको सूचित कर देंगे।

बुंदेलखंड के हालात सूखे की वजह से काफी खराब हैं। हाल की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पानी की भारी किल्लत से बुंदेलखंड में लोग गुजर रहे हैं। पानी की किल्लत के कारण ही किसानों की फसलें काफी बर्बाद हो गयी हैं जिसके चलते यहां के किसान ने आत्महत्या के लिए मजबूर हैं।

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