बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर फिर बवाल, जामिया और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा

2002 गुजरात दंगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बानी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर आएदिन विवाद होता रहता है। इसके रिलीज़ के बाद से यही इसको लेकर हंगामा है।

हालांकि भारत में इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर डॉक्यूमेंट्री से जुड़े वीडियोज़ को हटाने का आदेश दिया है मगर देश भर की अलग अलग यूनिवर्सिटीज़ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनंग से जुडी खबरे आ रहीं हैं।

ताज़ा मामला हैदराबाद यूनिवर्सिटी से है गुरूवार 26 जनवरी की शाम स्टूडेंट्स फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कराई गई जिसके बाद विवाद हो गया, यूनिवर्सिटी कैंपस से स्क्रीनुइंग से जुडी तस्वीरें और वीडिओज़ भी सामने आए जो देखते देखते वायरल हो गऐ।

मामले को लेकर एसएफआई ने बयान दिया की ‘‘एसएफआई के आह्वान पर गणतंत्र दिवस पर आयोजित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ की सफल स्क्रीनिंग की गई. इसे देखने के लिए 400 से अधिक छात्र आए, जिन्होंने दुष्प्रचार और अशांति पैदा करने के एबीवीपी के प्रयासों को विफल कर दिया. एसएफआई छात्र समुदाय को सलाम करता है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परिसर में लोकतंत्र के लिए खड़े हुए हैं।”

जवाब में ABVP ने दिखाई कश्मीर फाइल्स

वहीं बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के जवाब में RSS की स्टूडेंट्स विंग और ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी कैंपस में कश्मीरी पंडितों से जुड़ी ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग की. इससे पहले ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कैंपस में BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की अनुमति देने का आरोप लगाते हुए युनिवेर्सिटी के मेन गेट पे प्रदेशन किया।

हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पहले JNU और जामिया जैसी बड़ी प्रतिष्ठित युनिवर्सिटीज़ ने विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन करवाया था जिसके बाद दोनों जगह भरी सुरक्षा बल की तैनाती कर मामले पर काबू पाने की कोशिश की गई। डॉक्यूमेंट्री एक अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित है जिसे बीबीसी ने ब्रिटिश फॉरेन ऑफिस से हासिल किया है. डॉक्यूमेंट्री में ब्रिटिश विदेश विभाग की रिपोर्ट का जिक्र है, जिसमें दावा किया गया है कि नरेंद्र मोदी साल 2002 में गुजरात में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार’ थे।

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