बीएसएनएल में निकली बम्पर भर्तिया, कंपनी बोर्ड ने किया बड़ा फैसला

नई दिल्ली : आर्थिक संकट से गुजर रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के करीब 54 हजार कर्मी अपनी नौकरी खो सकते हैं। वहीं ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी बोर्ड ने कुछ प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। ये बात डेकन हेराल्ड की एक रिपोर्ट में कही गई है।

बीएसएनएल

बता दें की बीएसएनएस से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि कंपनी बोर्ड ने मार्च की बैठक में सरकार द्वारा स्थापित एक विशेषज्ञ पैनल के दस में से तीन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। वहीं टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) नहीं चाहता कि चुनाव से पहले कर्मचारियों की छंटनी हो। वहीं कंपनी बोर्ड द्वारा जिन तीन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है, उसमें सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु को 60 से घटाकर 58 वर्ष करना, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस), जिमसें 50 साल और उससे अधिक के सभी कर्मचारी शामिल हैं और बीएसएनएल को 4 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में तेजी ला रहे हैं।

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खबरों के मुताबिक सेवानिवृत्ति की आयु और वीआरएस पर किए गए फैसले से करीब 54,451 बीएसएनएस कर्मी की छंटनी हो सकती है। कर्मचारियों की ये संख्या कंपनी के कर्मियों की 31 फीसदी है। केवल सेवानिवृत्ति की आयु कम करने से ही 33,568 कर्मियों की संख्या कम हो जाएगी और अगले छह सालों में कंपनी की 13,895 करोड़ रुपये की बचत होगी।

 

ऐसा अनुमान है कि बीएसएनएल कर्मियों की औसतन आयु 55 वर्ष से अधिक है।बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों ही अपने कर्मियों का फरवरी का वेतन देने में असमर्थ रहे हैं। हाल ही में इन दोनों पीएसयू ने वित्तीय सहायता और मुद्दों के हल करने के लिए सरकार से संपर्क किया है। फिलहाल केंद्र ने कोई अंतिम कॉल नहीं लिया है।

दरअसल बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 54 हजार कर्मचारियों को बाहर निकालने की तैयारी से जुड़ी खबर को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी के अपने ‘पूंजीपती मित्रों’ की कंपनियों को फायदा पहुंचाने के कारण बीएसएनएल एवं एमटीएनएल बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं।

 

जहां पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘बीएसएनएल व एमटीएनएल किसकी टेलीफोन कंपनी हैं- देश के 130 करोड़ लोगों की। सरकारी बीएसएनएल और एमटीएनएल का किया बंटाधार, दोनों कंपनियां घाटे में डूबी, बीएसएनएल में 54,000 नौकरियां जाएंगी,एमटीएनएल बंद होने की कगार पर। जहां उन्होंने आरोप लगाया हैं की मोदी जी ने पूंजीपती मित्रों की कंपनिया बढ़ाई, बीएसएनएल व एमटीएनएल बंद होने की कगार पर आईं हैं ।

 

 

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