बिहारवासियों को कैटरीना का सहारा

liquer_5723395603a30एजेंसी/ पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है। लोग दबे – छिपे तरीके से शराब का परिवहन कर रहे हैं। ऐसे में सबसे ज़्यादा सक्रिय तो शराब तस्कर ही हैं। पुलिस की गश्त और नाकेबंदी के बाद भी उनकी हिम्मत पस्त नहीं हो रही। तस्कर शराब का अवैध परिवहन करने में लगे रहते हैं। तस्करों द्वारा हर बार एक बेहतरीन तरीका अपनाया जाता है। उत्तरप्रदेश और बिहार की सीमा पर तस्कर अधिक सक्रिय हैं। पुलिस ने ऐसे कई लोगों को पकड़ा है। तस्करों द्वारा बेची जाने वाली शराब का पौव्वा 60 रूपए के दाम पर होता है लेकिन इसकी कीमत 600 रूपए हो गई है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब विक्र पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालात ये हैं कि लोग राज्य से सटी नेपाल की सीमाओं पर जाकर शराब का सेवन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश की इस पहल को सराहा जा रहा है। कहीं – कहीं पर लोगों ने शराब छोड़ दी है लेकिन ऐसे भी कई क्षेत्र हैं जहां पर शराब का दबे छिपे विक्रय हो रहा है।

हालात ये हैं कि लोगों की प्यास अब केटरीना और बंटी-बबली बुझा रही हैं। जी हां, दरअसल ये उस ब्रांड के नाम है जो कि लोकल बाजार में बिक रहा है और जिसे तस्कर तस्करी के लिए उपयोग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा  कई क्षेत्रों में दबिश देकर इस कारोबार से जुड़े लोगों को पकड़ा जा रहा है। इन लोगों से पुलिस को कई सूचनाऐं मिल रही हैं। पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा मौना गांव में छापामारी कर तीन लोगों को पकड़ा गया। पुलिस ने उत्तर प्रदेश में देशी शराब की बोतल भी जब्त कर ली। हालांकि अब राज्य से सटे सीवान क्षेत्र के पास शराबखोर जमा हो रहे हैं। मगर अभी भी पुलिस कार्रवाई से परेशान लोगों को बंटी और बबली का सहारा मिला हुआ है।

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