बागी हुए जस्टिस कर्णन, सीजेआई व अन्‍य 6 जजों के खिलाफ जारी किए आदेश

जस्टिस कर्णन, कोलकाता। कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी एस कर्णन ने गुरुवार को अपने खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने वाले प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के छह न्यायाधीशों को 28 अप्रैल को उनकी ‘आवासीय अदालत’ में पेश होने को कहा है।

न्यायमूर्ति कर्णन ने दावा किया है कि सात न्यायाधीशों की पीठ ने ‘बेवजह और जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण इरादे से’ उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को उनके द्वारा अनुसूचित जाति…अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन के आरोपों का बचाव करने को कहा गया है।

न्यायमर्ति कर्णन इस बात पर जोर दे रहे हैं कि दलित होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा,  सातों माननीय न्यायाधीश 28 अप्रैल 2017 को सुबह साढ़े ग्यारह बजे मेरे रोजडेल आवासीय अदालत में पेश होंगे और अनुसूचित जाति…अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन को लेकर सजा के बारे में अपनी राय रखेंगे।

उन्होंने अपने आवास से ‘स्वत: संज्ञान न्यायिक आदेश’ पारित किया। अपने आवास को उन्होंने ‘अस्थायी न्यायालय’ करार दिया।

गुरुवार के अपने आदेश में न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा कि 31 मार्च को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस खेहर ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि छह अन्य न्यायाधीशों ने ‘सवाल’ का अनुमोदन किया, जो खुली अदालत में उनके अपमान के बराबर है।

न्यायमूर्ति कर्णन 31 मार्च को अपने खिलाफ दायर अवमानना के मामले में उच्चतम न्यायालय में पेश हुए और शर्त रखी कि अगर उनके न्यायिक अधिकार लौटाए जाते हैं तो वह फिर से पेश होने को तैयार हैं,  लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गयी।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने उनको अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।

जस्टिस कर्णन ने इससे पहले मार्च, 2017 में स्वत: संज्ञान लेते हुए इन्‍हीं जजों से 14 करोड़ रुपए हर्जाना देने का आदेश जारी किया था।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जस्टिस कर्णन की सभी न्यायिक शक्तियां छीन ली थीं। अपने उस सुओ मोटो आदेश में जस्टिस कर्णन ने सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 मौजूदा जजों के खिलाफ जांच करके रिपोर्ट संसद को सौंपने का आदेश भी दिया था।

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