बागपत के सूर्यदेव उज्ज्वल बने संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार

बागपत| भारतीय मूल के डॉ. सूर्यदेव उज्ज्वल को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में मानवाधिकारों और बहुराष्ट्रीय निगमों एवं कारोबारी उद्यमों के मुद्दे पर आधारित एक कार्यकारी समूह में सलाहकार नामित किया गया है। वह बागपत के मवींकला गांव के मूल निवासी हैं।

डॉ. उज्ज्वल समूह के एशिया प्रशांत प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करेंगे। हांगकांग के स्कूल आफ लॉ ऑफ सिटी यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत डॉ. उज्ज्वल ने (2014)  में कारोबार एवं मानवाधिकार पर भारतीय राष्ट्रीय रूपरेखा एवं मानवाधिकार विषय पर एक पृष्ठभूमि पत्र लिखा था।

इससे पूर्व (2014) में ही जेनेवा, यूएनओ मुख्यालय में दुनिया के चार कानूनी विशेषज्ञों में डॉ. सूर्यदेव प्रथम रैंक में थे। इसी वर्ष कैंब्रिज यूनिवर्सिटी लंदन में उन्हें 20 व्याख्यानों के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने कारोबार एवं मानवाधिकार, सामाजिक जवाबदेही, भारत-चीन संवैधानिक कानून और सतत विकास पर शोध किए हैं।

गांव से यूएनओ तक का सफर

सन 1973  में जन्मे डॉ. उज्ज्वल के पिता प्रोफेसर सुरेंद्र पाल आर्य बड़ौत के जनता वैदिक कालेज से सेवानिवृत हैं। डॉ. उज्ज्वल ने प्रारंभिक गांव में ही हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलएम करने के दौरान वह लॉ कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने आस्ट्रेलिया से पीएचडी की।

कई वर्षों तक सीपी विश्वविद्यालय हांगकांग में चीफ प्रॉक्टर के पद पर रहे। पत्नी स्वाति आर्य भी हांगकांग के विवि में कानूनी प्रवक्ता हैं। वैदिक संस्कृति से खासा लगाव रखने वाले डॉ. उज्ज्वल यूएनओ की मानव अधिकार परिषद में सबसे कम उम्र के सलाहकार हैं।

प्रस्तुति- मनोज कुमार बागपत

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