अगर आपके भी हर काम में आ रही है बांधा तो अपनाएं वास्तु के इस उपाय को

कई बार कुछ मकान हमारे लिए शुभ होते तो कुछ अशुभ साबित होते हैं। शुभ और अशुभ होने के पीछे वास्तु की दिशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि प्रत्येक दिशा का अपना स्वामी होता है । वास्तुदोष के कारण उस घर में रहने वाला व्यक्ति तमाम तरह के रोग, तनाव, कलह और कर्ज से घिर जाता है।  आइए जानते हैं घर पर मौजूद वास्तु दोषों के संकेतों को कैसे पहचाने।

बांधा

परिवार में क्लेश होना
जब अचानक घर के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ने लगे, आपसी मनमुटाव और सदस्यों के बीच लड़ाई- झगड़े होने लगे तो इसका कारण घर में मौजूद वास्तुदोष हो सकता है। घर में मनमुटाव होने का प्रमुख कारण आग्नेय कोण का दोषपूर्ण होना है। आग्नेय कोण में पानी नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में किचन होना सबसे शुभ माना जाता है।
उपाय :
अगर इस दिशा में आप को उचित फल न प्राप्त हो रहा हो, तो आप हमेशा इस दिशा में घी का दीपक प्रजवल्लित किया करें और अग्नि कोण में नवग्रह का हवन जरूर किया करें।

फिजूल खर्चे का बढ़ना
जब आय से अधिक खर्चे होने लगे और फिजूल खर्चे बढ़ने लगे यह घर में मौजूद वास्तु दोष के संकेत है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के उत्तर दिशा में गंदगी होने से फिजूलखर्चे बढ़ने लगते हैं। वास्तु में उत्तर  दिशा को शुभ बनाने के लिए श्रीयंत्र की स्थापना करनी चाहिए।

उपाय : ऐसी स्थिति में जातक को घर के सामने हरी बेलदार पत्तियां लगानी चाहिए। उसे अपने घर में अच्छी पुस्तकों संग्रह रखना चाहिए।

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सेहत में गिरावट
घर पर नैऋत्य कोण का स्थान नीचा होने पर परिवार के मुखिया और सदस्यों की सेहत में गिरावट आने लगती है।
उपाय: 
इस दिशा के मकान को कभी खाली न छोड़ें और पानी की टंकी की सफाई हमेशा करते रहें।

संतान प्राप्ति में बाधा
घर के पूर्व दिशा में वास्तु दोष होने पर संतान की प्राप्ति होने में कठिनाई आती है। पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देवता हैं। इस दिशा में टॉयलेट, बॉथरूम, या मकान के सामने कोई बड़ा पेड़ या कोई रोशनी बाधक चीज नहीं होना चाहिए। अन्यथा वास्तुदोष लगता है।
उपाय : यदि आपके भवन में ऐसा वास्तुदोष है तो आप घर के मुख्य दरवाजे पर हमेशा सिंदूर और गाय के घी से तिलक करें या ॐ लिखें।

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उदास रहना
ईशान कोण में किसी भी तरह का दोष होने पर व्यक्ति उदास और परेशान रहने लगता है। ईशान कोण के ग्रह बृहस्पति देवता हैं। इस दिशा के देवता भगवान विष्णु हैं। ऐसे भवन में रहने वाले लोगो को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह दिशा ज्ञान, मान-सम्मान और तेज प्रदान करती है।

उपाय : ईशान कोण वाले व्यक्ति को घर में हमेशा पूजा-पाठ करवाते रहना चाहिए घर के मुख्य द्वार को सुंदर और दोष रहित रखना चाहिए।

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