बस कुछ ही देर में भारत करने जा रहा है ये बड़ा काम, जिससे हर देश की बढ़ जायेगी चिंता

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) थोड़ी देर में पीएसएलवी-सी45 को लांच करने वाला है। साथ ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्वदेशी सर्विलांस सैटेलाइट एमसैट के साथ 28 विदेशी नैनो सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा।

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इस अभियान के दौरान इसरो पहली बार एक साथ तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइट को स्थापित करने का इतिहास रचेगा।

सुबह करीब 9.45 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांचपैड से पीएसएलवी तीन प्रायोगिक पेलोड लेकर उड़ान भरेगा।

करीब 180 मिनट के पूरे अभियान के पहले 17 मिनट पूरे होने पर पीएसएलवी 749 किलोमीटर की ऊंचाई पर एमिसेट को स्थापित करेगा। इसके बाद चौथे चरण में लगे सोलर पावर इंजन चलाकर विदेशी नैनो सैटेलाइट करीब 504 किलोमीटर में स्थापित की जाएंगी।

पहले 21 मार्च को होने वाले इस मिशन के दौरान लांच की जाने वाली करीब 220 किलोग्राम वजन वाली 28 नैनो सैटेलाइट अमेरिका (24), लिथुआनिया (2), स्पेन (1) और स्विट्जरलैंड (1)आदि देशों की हैं।

यह अभियान चार चरण ईंधन वाले पीएसएलवी-सी45 रॉकेट से पूरा किया जाएगा, जिसके चौथे चरण में सौर इंजन का इस्तेमाल भी इसरो पहली बार करने जा रहा है। यह पीएसएलवी की 47वीं उड़ान होगी।

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इसके बाद चौथे चरण में ही रॉकेट को 485 किलोमीटर ऊंचाई पर लाया जाएगा, जहां यह ऑर्बिटल प्लेटफार्म की भूमिका निभाकर अपने साथ लाए तीन प्रायोगिक पेलोड की मदद से चंद्रयान अभियान से जुड़े कुछ खास अंतरिक्ष अनुसंधान भी पूरा करेगा।

यह भी भारतीय इतिहास में पहली बार होने जा रहा है।

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