बसों का किराया मांगने पर कांग्रेस पर बरसीं मायावती, कहा- यह कंगाली और अमानवीयता

उत्तर प्रदेश में जोरशोर से चल रही बसों की राजनीति शुक्रवार को एक बार फिर गरमा गई। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस की राजस्थान सरकार पर लॉकडाउन में फंसे छात्रों को कोटा से यूपी बॉर्डर तक छोड़ने की एवज में यूपी सरकार से बसों का किराया मांगने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेसी सरकार का यह कृत्य उनकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति दुखद है।

बीएसपी चीफ व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर राजस्थान के कोटा से प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को यूपी छोड़ने के लिए किराया वसूलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ‘राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है, वह उसकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति दुखद है।’

मायावती ने आगे लिखा कि ‘कांग्रेस की राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है। यह कितना उचित और कितना मानवीय है?’

बता दें कि कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन में फंसे कुछ छात्रों को कोटा से यूपी बॉर्डर तक छोड़ने की एवज यूपी सरकार से 36 लाख रुपये बसों का किराया और 19.50 लाख रुपये डीजल का वसूला है। उत्तर प्रदेश राज्य परविहन निगम ने बिलों का भुगतान कर दिया है। राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया था कि अपनी कुछ बसों से वहां पर शेष बचे हुए बच्चों को यूपी की सीमा मथुरा या आगरा तक पहुंचा दें। वहां से इन्हें यूपी रोडवेज की बसों से घर भेज दिया जाएगा। इस पर राजस्थान सरकार ने 94 बसों का इंतजाम किया था। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य परविहन निगम की झांसी से गई बसों में डीजल कम पड़ा तो 320 बसों में डीजल भी राजस्थान के डीजल पंपों से लिया गया था।

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