अगली बार खाकर नहीं सूंघकर चेक करें पानी के बताशे, कहीं उसमें टॉयलेट…

बताशे खाने के शौक़ीनअहमदाबाद। अक्सर लोग स्वाद का आनंद लेने के लिए बाहर की चीजों को खाना पसंद करते हैं। दुकानदार अपने उस लज़ीज़ पकवान का स्वाद बढ़ाने के लिए तरह-तरह प्रयोग करते हैं। कई बार तो ये आपके सेहत से खिलवाड़ करने से भी कतई नहीं चूकते। तो जो लोग पानी के बताशे खाने के शौक़ीन हैं, वो इस खबर को ज़रा ध्यान से पढ़ें।

बताशे खाने के शौक़ीन जरा ध्यान दें

अहमदाबाद से लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाला एक मामला सामने आया है। क्योंकि इस ख़बर को पढ़ने के बाद आप कभी पानी बताशा खाने से पहले चार बार सोचेंगे। अहमदाबाद के चेतन नान्जी गोलगप्पे के साथ दिए जाने वाले पानी का जायका बढ़ाने के लिए उसमें टॉइलट क्लीनर का इस्तेमाल करते थे।

दरअसल, ये मामला 2009 का है। 2009 में अहमदाबाद के एक पानी पूरी वेंडर के खिलाफ लोगों ने शिकायत की कि ये बताशे में डालने वाले पानी में कुछ मिलाता है। साथ ये भी शिकायत की गई थी कि वह अपनी लॉरी गटर के पास खड़ी करता है और पास की सड़क भी बचे हुए पानी और पानीपुरी के फेंके जाने से खराब हो रही थी। इस शिकायत के बाद निगम ने सैंपल लिया और टेस्टिंग के लिए लैब भेज दिया। लैब टेस्टिंग के बाद जो परिणाम सामने आया, वो जानकार सबके होश उड़ गए।

टेस्टिंग ने पता चला कि वेंडर गोलगप्पे के पानी में ऐसिड मिलाता था, वो ऐसिड जो टॉइलट क्लीनर में इस्तेमाल किया जाता है। टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद स्पेशल कोर्ट में पानी पूरी वेंडर चेतन नान्जी के खिलाफ मिलावट का केस दर्ज किया गया, वह दोषी पाया गया और उसे 6 महीने की जेल सुनाई गई।

हालांकि आरोपी वेंडर का कहना था कि उसे दोषी साबित करने के लिए कोर्ट के पास ज्यादा सबूत नहीं हैं लिहाजा उसे माफ़ किया जाए। लेकिन वकील ने गवाहों और सबूतों के आधार पर दलील दी कि बहुत सारे लोग पानी पूरी खाना पसंद करते हैं और यह उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने दोषी वेंडर को 6 महीने जेल की सजा सुनाई।

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