बढ़ता जा रहा कोरोना संक्रमण, भर्ती मरीजों की संख्या साढ़े सात सौ से हो चुकी ज्यादा

कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा। भर्ती मरीजों की संख्या साढ़े सात सौ से ज्यादा हो चुकी है। इन सबके बीच राहत भरी खबर यह है कि यहां भी प्लाज्मा थेरेपी से संक्रमितों का इलाज होने की संभावना बनने लगी है। डॉक्टर अपना काम करेंगे मगर असल जिम्मेदारी उन लोगों को निभानी होगी जोकि संक्रमण को मात दे चुके हैं। बीमार हुए, फिर ठीक होकर घर चले गए। ये कोरोना विजेता अब दूसरों को बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इनसे प्लाज्मा लिया जाएगा, जोकि गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज में काम आएगा। कई शहरों में इस थेरेपी के संतोषजनक परिणाम सामने आए हैं।

तीन दिन पहले शासन ने विशेषज्ञों की टीम भेजी थी, जोकि संक्रमण रोकथाम व इलाज की व्यवस्थाएं सुधारने में मददगार साबित हो। टीम के सदस्य कानपुर हृदय रोग संस्थान के आचार्य डा. आरके वर्मा भी इसी टीम में हैं। उन्होंने बताया कि अब तक हुए संक्रमित, स्वस्थ्य हो चुके लोगों, मौतों आदि के आंकड़ों को देखा है। कुल संक्रमितों की तुलना में करीब 40 फीसद लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इसका मतलब साफ है कि जिले में ऐसे लोग काफी है जिनके शरीर में एंटीबॉडी है। अगर ये लोग प्लाज्मा डोनेट करने के राजी हो जाएं तो गंभीर मरीजों का इलाज कर उनसे खतरा टाला जा सकता है।

जो मरीज वेंटीलेटर पर जाने के बाद स्वस्थ नहीं हो रहे, उन्हें प्लाजमा देकर बचाया जा सकता है। प्लाज्मा थेरेपी के लिए जिलाधिकारी नितीश कुमार और सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला से विमर्श हुआ है। तैयारी है कि आइएमए और एक कोविड एल-2 अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा बैंक बनाया जाए। संक्रमित होने के बाद जो लोग ठीक हो चुके हैं, उनसे प्लाज्मा एकत्र किया जाए। इसके बाद इलाज की तैयारी हो। प्लाज्मा और इसके उपयोग को समझें प्लाज्मा थेरेपी ऐसे मरीजों को दी जाती है, जो ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के बाद भी ठीक नहीं होते। ऐसे मरीजों को बचाने के लिए देश के कई अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग हो रहा है।

जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। प्लाज्मा थेरेपी के लिए ब्लड से प्लाज्मा अलग करके मरीजों को दिया जाता है। इसमें उन लोगों को चुना जा रहा है, जो संक्रमण को हरा चुके हैं। उनके शरीर में एंटीबॉडी होते हैं। यही एंटीबॉडी व्यक्ति के ब्लड के अंदर मौजूद प्लाज्मा में होता है। उसे निकाल कर गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति को चढ़ाते हैं। प्लाज्मा थेरेपी के लिए जल्द शुरू होगी तैयारी सीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला ने बताया कि जिले में स्वस्थ होने वालों की बड़ी संख्या है। इसे देखते हुए यह प्लाज्मा थेरेपी शुरू कराने पर विचार चल रहा है। इसके लिए अभी आइएमए और कोविड एल-2 अस्पताल के ब्लड बैंक देखे गए हैं।

यहां प्लाज्मा बैंक बनाया जा सकता है। इसके बाद जरूरतमंद व्यक्ति को यहां से प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा सकेगा। जल्द ही इस पर मुहर लग जाएगी। जागरूकता की जरूरत शासन की ओर से आइ टीम का नेतृत्व कर रहे हृदय रोग संस्थान कानपुर के हेड डा. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि यहां प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना होगा। जो लोग संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके, वे लोग मरीजों की मदद के लिए आगे आएं। संक्रमण से बचाव के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में एक-दूसरे की मदद से ही बीमारी से पार पाना होगा। प्लाज्मा डोनेट करने से किसी को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती। यह बेहद सरल प्रक्रिया है।

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