इसी लापरवाही के चलते जाती है बच्चों की जान, बनना होगा आपको जागरूक!

बच्चों की मौतलखनऊ। जब स्कूल जाते हुए बच्चों की गाडी किसी हादसे का शिकार होती है तो हम सभी की आँखें नम हो जाती हैं। हमेशा हादसे के बाद ही लापरवाही समझ आती है। हाल ही में एटा के स्कूली बस हादसे में बच्चों की मौत के बाद अब वारणसी जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने जिले में बच्चों के साथ हो रही लापरवाही को लेकर हरकत में आ गए हैं। उन्होंने स्कूलों को वाहनों के रखरखाव और बच्चों की सुरक्षा को लेकर विस्तृत निर्देश भेजा है। जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी राय की ने निर्देश में कहा है कि बच्चों को लाने के लिए जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है, उनके फिटनेस की जांच संभागीय परिवहन अधिकारी से करवा लें।

आपदा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था हो। चालक के पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण पर जोर दिया गया है। डीआईओएस ने कहा है कि इस बात को सुनिश्चित करें कि चालक को वाहन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त है। उसे दृष्टिदोष नहीं है।

वाहन के पीछे चालक और परिचालक का नाम मोबाइल नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नम्बर और मोबाइल नम्बर अवश्य दर्ज किया जाए। दिशानिर्देश के अनुसार पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग के समय-समय जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।

जिन इलाकों में घना कोहरा है, वहां जाने वाले वाहन चालकों को विशेष सतर्क रहने को कहा जाए। विद्यालय से घर जाने के समय शिक्षकों की एक टीम गठित की जाए जो वाहनों पर नजर रखें।

अभिभावकों को प्रेरित करें: दिशा-निर्देश में अभिभावकों को जागरूक करने के लिए कहा गया है कि वे सस्ते के चक्कर में असुरक्षित वाहनों से बच्चों को स्कूल न भेजें।

यह पहल स्कूल प्रबंधनों को करनी है। शिक्षाधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों की सुरक्षा के मामले में पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाया जाएगा। वाहनों के निरीक्षण आदि का अधिकार पुलिस और परिवहन विभाग के पास है।

जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा है कि कतिपय विद्यालय शासन और प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ठंड और शीतलहर के दौरान छुट्टी का निर्देश दिया गया था लेकिन कई स्कूलों ने उसका पालन नहीं किया। यह खेद की स्थिति है।

यह निर्देश सभी सरकारी और निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को भेजा गया है। बीएसए जयकरन यादव ने भी इसी आशय के निर्देश स्कूलों को जारी किये हैं।

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