भारत में डायरिया बना महामारी, जारी रहेगा बच्चों की मौत का सिलसिला : सर्वेक्षण

बच्चों की मौतों का सिलसिलालंदन। साल 2015 में डायरिया (अतिसार) के कारण पांच साल से कम आयु के एक लाख से अधिक बच्चों की मौत के साथ ही भारत में इस बीमारी के कारण बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी रहेगा। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। पत्रिका ‘लांसेट इनफेक्शियस डिजिजेज’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, साल 2015 में दुनिया भर में डायरिया के कारण पांच साल से कम आयु के जितने बच्चों की मौत हुईं उनमें से 42 फीसदी मौतें (499,000) अकेले भारत तथा नाइजीरिया में हुईं।

ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा, “वैश्विक तौर पर, साल 2015 में हमारे अनुमान के मुताबिक, डायरिया सभी आयु के लोगों की मौत का प्रमुख कारण था।”

अध्ययन के दौैरान, मामले, मौत तथा बीमारियों के बीते 25 वर्षो के आंकड़ों का अध्ययन किया गया।

डायरिया के कारण उप-सहारा अफ्रीका तथा दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा लोगों की जान जाती है।

शोधकर्ताओं ने कहा, “डायरिया और इसके कारण होने वाली मौतों से बचाव किया जा सकता है और वैश्विक स्तर पर इस बीमारी से बचाव में स्वच्छ पानी, सफाई तथा बच्चों को संतुलित आहार प्रदान करना अहम है।”

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