घर की छत देकर फ्री में लें बिजली, सैलरी भी देगी सरकार

गैर पारंपरिक ऊर्जालखनऊ। प्रदेश में गैर पारंपरिक ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार कई लुभावने प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। मकसद यह है कि वर्ष 2022 तक उत्तर प्रदेश में केवल रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट के जरिए ही 4300 मेगावॉट ऊर्जा का उत्पादन लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। यही नहीं, सरकार सौर ऊर्जा नीति-2017 के जरिए निजी निवेशकों के लिए तो आकर्षक योजनाएं ला ही रही है, छोटे घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए भी सब्सिडी दिए जाने की तैयारी है। इस क्रम में यदि आप चाहें तो छत देकर बगैर किसी निवेश के सौर ऊर्जा का उत्पादन कर न केवल अपनी बिजली तैयार कर सकते हैं बल्कि उससे लाभ भी अर्जित कर सकते हैं।

प्रदेश सरकार ने इससे पूर्व सौर ऊर्जा नीति- 2013 एवं रूफटॉप सोलर पावर प्लांट नीति, 2014 अलग-अलग तैयार की थी। इसकी समयावधि पूर्ण हो जाने के कारण एवं अब प्रदेश में निजी भागीदारी बढ़ाते हुये निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से नई सौर ऊर्जा नीति-2017 का आलेख तैयार किया गया है। इसे यूपीनेडा की वेबसाइट पर डाला गया है। जिस पर 15 जुलाई तक सुझाव व टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।

नेडा की निदेशक संगीता सिंह ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति-2017 का ड्राफ्ट की खास बात यह है कि इसमें समेकित रूप से प्रदेश में बड़े स्तर पर ग्रिड संचालित सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन संयंत्रों व रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना को एक साथ शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समग्र गैर पारंपरिक ऊर्जा स्नोतों से वर्ष 2022 तक ग्रीन ऊर्जा उत्पादन का राष्ट्रीय लक्ष्य 175 गीगा वॉट निर्धारित किया गया है, जिसमें 100 गीगा वॉट बिजली का सौर ऊर्जा से उत्पादन किया जाना है। राष्ट्रीय स्तर पर 40 गीगा वॉट अकेले रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट से उत्पादन किया जाना है। उत्तर प्रदेश के लिए 4.3 गीगा वॉट का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2022 तक दस हजार मेगा वॉट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए नई सौर ऊर्जा नीति में कई योजनाओं को शामिल किया गया है।

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ड्राफ्ट पॉलिसी की खास बातें

दो किलो वॉट तक के कनेक्शनधारकों के लिए केंद्र से मिलने वाली 30 फीसद सब्सिडी के अलावा राज्य सरकार भी दस हजार रुपये प्रति किलो वॉट सब्सिडी देगी। रिन्यूवेबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) को आपरेटर के माध्यम से बगैर कोई धनराशि व्यय किए सौर ऊर्जा के उत्पादन को अनुमति दी गई है। इसमें केवल छत देनी होगी जिस पर आपरेटर अपने खर्च पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाएगा। छत देने वाले को बिजली तो मुफ्त मिलेगी ही, अतिरिक्त बिजली पर मिलने वाले लाभांश का भी वह हकदार होगा। योजना का लाभ सरकारी, गैर सरकारी व कामर्शियल सभी उठा सकेंगे।

नई सौर ऊर्जा नीति में थर्ड पार्टी विक्रय का भी प्रावधान रखा गया है। इसके अनुसार सौर ऊर्जा का उत्पादन कर न केवल सरकार बल्कि किसी को भी, यहां तक कि दूसरे राज्य को भी बिजली बेची जा सकेगी। बिजली पहुंचाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश की सीमा तक ग्रिड सुविधा निश्शुल्क देगी।

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