लफ्जों के जरिये आपके दिल में झाँक लेगा फेसबुक का यह एप

फेसबुकनई दिल्ली| सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने गुरुवार को एक नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणाली (एआई) की घोषणा की, जिसका नाम ‘डीप टेक्स्ट’ है। यह इंजन लोगों द्वारा 20 भाषाओं में किए गए पोस्ट के मजमून को किसी मनुष्य जितनी क्षमता से भांप सकता है। तकनीक वेबसाइट टेकक्रंच ने गुरुवार को बताया, “यह स्वचालित ढंग से घृणा फैलाने वाले या विवादास्पद स्टेटस अपडेट को पकड़ सकता है। इससे किसी को ऐसी सामग्रियों के बारे में मैनुअली रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि उस पर रोक लगाई जाए।”

फेसबुक का सोशल नेटवर्क

फेसबुक ने पहले भी कहा था कि उसका एआई सिस्टम सोशल नेटवर्क पर मनुष्यों के मुकाबले कहीं अधिक आपत्तिजनक तस्वीरों के बारे में रिपोर्ट करता है।

कंपनी ने यह भी खुलासा किया, “मनुष्य जिस प्रकार किसी सामग्री के मजमून को भांपता है। उसी तरह से हम कंप्यूटर को द्विअर्थी शब्दों और दुर्वचन को समझने में प्रशिक्षित करने पर काम कर रहे हैं।”

इस प्रणाली को फेसबुक अपने मैसेंजर एप पर जांच रही है।

उदाहरण के लिए अगर आप अपने स्टेटस को अपडेट करते हैं कि आपको कहीं जाना है तो यह सिस्टम समझ लेता है कि आपको उबेर या ओला कैब की जरूरत है।

इसी तरह से अगर आप अपने स्टेटस पर लिखते हैं कि आप अपनी बाइक 35,000 रुपये में बेचना चाहते हैं। तो डीप टेक्स्ट इसे समझ लेता है कि आप कुछ बेच रहे हैं और वह आपके समक्ष उससे संबंधित जानकारियां प्रदर्शित करने लगता है।

इस क्षमता के प्रयोग से एफबी ने लोगों के लिए बेहतर सिफारिश करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत वह लोगों को उससे जुड़ी उपलब्ध पोस्ट या सेवाओं की जानकारियां देगा।

‘डीप टेक्स्ट’ इसके अलावा स्पैम या अनचाहे सामग्रियों को छांटने का काम भी करेगा और लोगों के समक्ष अधिक से अधिक मनचाही सामग्रियों को परोसेगा।

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