फुटबॉल : विश्व पटल पर रही फ्रांस की चमक और भारत की धमक

नई दिल्ली। दुनियाभर के फुटबाल प्रशंसकों को साल-2018 का बेसब्री से इंतजार था, क्योंकि इस साल फुटबाल का सबसे बड़ा त्योहार फीफा विश्व कप रूस में खेला जाना था।

दर्शकों को विश्व कप में जिस रोमांच की उम्मीद थी, उससे ज्यादा ही मिला। फुटबाल पंडितों की मानें तो विश्व कप के इतिहास में इससे ज्यादा प्रतिस्पर्धी विश्व कप मैच नहीं देखा गया था।

इस बेहतरीन विश्व कप का सरताज बना फ्रांस जिसने एकतरफा फाइनल में लुका मोड्रिक की कप्तानी में करिश्माई प्रदर्शन करने वाली क्रोएशियाई टीम को 4-2 से शिकस्त दी।

फ्रांस का यह दूसरा विश्व कप खिताब था। उसने इससे पहले 1998 में टूर्नामेंट की मेजबानी करते हुए विश्व कप अपने नाम किया था। टूर्नामेंट में कुल 161 गोल दागे गए।

पूरे टूर्नामेंट में फ्रांस एक भी मुकाबला नहीं हारा और फ्रांस को प्रतियोगिता में सबसे कड़ी टक्कर बेल्जियम से सेमीफाइनल में मिली। हालांकि, फ्रांस की टीम उससे भी पार पाने में कामयाब रही।

इस विश्व कप से फुटबाल जगत को 19 वर्षीय कीलियन एम्बाप्पे जैसा खिलाड़ी जिसने फ्रांस की विजेता बनाते हुए अपनी अलग छाप छोड़ी। वह पेले के बाद दूसरे ऐसे खिलाड़ी बने जिसने किशोरावस्था में विश्व कप खिताब अपने नाम किया, उन्होंने फाइनल में गोल करने के साथ टूर्नामेंट में कुल चार गोल दागे जिसके लिए उन्हें बेस्ट यंग प्लेयर चुना गया।

टूर्नामेंट में क्रोएशिया की टीम ने भी दमदार प्रदर्शन किया। मोड्रिक अपने देश के लिए हीरो साबित हुए और अहम मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को फाइनल तक पहुंचाया, जिसके लिए उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड दिया गया।

मोड्रिक ने विश्व फुटबाल में 10 वर्षो से चले आ रहे क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनल मेसी की बादशाहत को भी खत्म करते हुए बालोन डी ओर अपने नाम किया। पुर्तगाल के रोनाल्डो और अर्जेटीना के मेसी ने 2008 से लेकर 2017 तक पांच-पांच बार यह अवॉर्ड जीता था लेकिन इस वर्ष फुटबाल जगत ने एक मिडफील्डर की उपयोगिता को मनाते हुए मोड्रिक को चुना।

रोनाल्डो और मेसी के लिए विश्व कप भी निराशाजनक रहा। पुर्तगाल और अर्जेटीना को प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। इसके आलावा, खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही जर्मनी की टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और ग्रुप स्तर में मेक्सिको एवं दक्षिण कोरिया से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

वहीं, भारत की राष्ट्रीय फुटबाल टीम के लिए यह साल अच्छा रहा और टीम ने अगले वर्ष पांच जनवरी से शुरू हो रहे एएफसी एशियन कप की तैयारियों के लिए कई मैच खेले। इस बीच भारतीय कप्तान सुनील छेत्री द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो ने बहुत सुर्खियां बटोरी।

छेत्री ने मुंबई में हुए इंटरकोंटिनेंटल कप के दौरान प्रशंसकों से स्टेडियम में आने की अपील की और प्रशंसकों ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया। छेत्री ने टूर्नामेंट के दौरान अपने देश के लिए 100वां मैच भी खेला और दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में केन्या और चीनी ताइपे को हराकर प्रतियोगिता जीती। टूर्नामेंट की चौथी टीम न्यूजीलैंड थी जिसके खिलाफ भारत को हार का सामना करना पड़ा।

भारत ने चीन के लिए खिलाफ उसी के घर में ऐतिहासिक दोस्ताना मैच भी खेला जो गोलरहित ड्रॉ रहा। भारत की अंडर-20 फुटबाल टीम ने भी अर्जेटीना के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की। टीम ने अगस्त में स्पेन के वालेंसिया में कोटीफ कप के मैच में अर्जेटीना को 2-1 से हराया। हालांकि, भारत की अंडर-17 टीम 2019 में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के बेहद करीब पहुंचकर चूक गई। क्वालीफायर्स के क्वार्टर फाइनल में कोरिया ने भारत को 1-0 से मात दे बाहर कर दिया।

क्लब स्तर पर भी यह साल हर साल की तरह रोमांचक रहा। दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाली इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) में मैनचेस्टर सिटी का दबदबा देखने को मिला, जिसने एक सीजन में सबसे ज्यादा 106 गोल दागकर खिताब अपने नाम किया। सिटी ईपीएल के इतिहास में 100 अंक अर्जित करने वाली पहली टीम भी बनी और कुल 38 में से 32 मैचों में जीत दर्ज करते हुए रिकॉर्ड स्थापित किया।

स्पेनिश दिग्गज रियल मेड्रिड ने जिनेदिन जिदान के मार्गदर्शन में लगातार तीसरी बार यूरोपीय चैम्पियंस लीग का खिताब जीता। रियल का यह 13वां चैम्पियंस लीग खिताब था और सीजन के अंत में टीम के स्टार खिलाड़ी रोनाल्डो को भी लगा कि अब उन्हें मेड्रिड का दामन छोड़ एक नई चुनौती का सामना करना चाहिए। वह 2018-19 सीजन की शुरुआत से पहले 10 करोड़ डॉलर की ट्रांसफर फीस पर इटली लीग की चैम्पियन जुवेंतस में शामिल हुए और अब तक टीम के लिए उनका प्रदर्शन दमदार रहा है।

ईपीएल क्लब चेल्सी ने स्पेन के प्रतिभाशाली गोलकीपर केपा अरीर्जाब्लागा को रिकॉर्ड 9.28 करोड़ डॉलर में खरीदा। ब्राजील के गोलकपीर एलिसन बेकर भी 7.25 करोड़ डॉलर की ट्रांसफर फीस पर लिवरपूल में शामिल हुए जो फिलहाल, तालिका में शीर्ष पर कायम है।

जिदान ने जहां रियल के साथ तीसरी बार चैम्पियंस लीग का खिताब जीतने के बाद अपनी इच्छा से क्लब छोड़ दिया, वहीं जुलने लोप्तेगुई को क्लब के खराब प्रदर्शन के कारण मुख्य कोच के पद से बर्खास्त कर दिया गया। दूसरी ओर, इस सीजन मैनचेस्टर युनाइटेड के खराब प्रदर्शन के कारण जोस मोरिन्हो को भी क्लब से अलग होना पड़ा। युनाइटेड ने मोरिन्हो की जगह क्लब के दिग्गज खिलाड़ी रह चुके ओले गुनार सोलशायर को 2018-19 सीजन के अंत तक क्लब का अंतरिम कोच नियुक्त किया।

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इधर, भारत की घरेलू फुटबाल लीग भी कम दिलचस्प नहीं रही। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में चेन्नईयन एफसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार खिताब अपने नाम किया, लेकिन 2018-19 सीजन में अब तक उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और वह प्लेऑफ की रेस से पहले ही बाहर हो चुकी है। बेंगलुरू एफसी तालिका में शीर्ष पर है।

https://youtu.be/fK4VJDFj4BA

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