कश्मीर के बड़े नेता ने मिलाया पाकिस्तान से ‘हाथ’, कहा सिर्फ मोदी करें बात

फारूख अब्दुल्लाश्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने शुक्रवार को हाल में हिंसा के दौरान जेल में बंद या अपने घरों में हिरासत वाले सभी अलगाववादी नेताओं की जल्द रिहाई की मांग की है।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं, ताकि इलाके में आतंकवाद खत्म हो। उनका यह बयान दोनों देशों के बीच गतिरोध को लेकर विपक्षी दलों की चर्चा के बाद आया है। घाटी में जारी अशांति की वजह से तीन महीने से ज्यादा समय से सामान्य जनजीवन प्रभावित है।

अब्दुल्ला ने कहा, “जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शांति के लिए पाकिस्तान जा सकते हैं तो हम अपने लोगों से बातचीत क्यों नहीं कर सकते।”

विपक्षी दलों की एक बैठक में अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, “दोनों देशों को बैठना चाहिए और कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए। आतंकवाद को खत्म करने का यही एकमात्र हल है, वर्ना यह बढ़ता जाएगा।” फारूख ने घाटी में जारी अशांति के बाद पहली बार अपनी राय रखी है।

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा, “हम सभी आगे की तरफ देख रहे हैं और पीछे नहीं देख रहे कि क्या घटित हुआ है।”

उन्होंने कहा कि सिर्फ बातचीत ही एक जरिया है, जिससे कश्मीर की समस्या खत्म हो सकती है और उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से अलगाववादियों को साथ लेकर आंतरिक संवाद करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि आठ जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में पैदा हुई आशांति को लेकर वह चिंतित हैं, जिसमें 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए। उन्होंने कश्मीर मुद्दे का ‘एक समाधान खोजने की जरूरत’ पर जोर दिया।

विपक्षी दलों की यह बैठक उनके गुपकर रोड निवास पर कड़ी सुरक्षा के बीच हुई। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि उन्होंने कश्मीर के हालात और राज्य और केंद्र सरकार के निपटने के तरीके पर चर्चा की।

बैठक में भाग लेने वालों में कांग्रेस के प्रमुख जी.ए. मीर और माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद युसूफ तारिगामी शामिल रहे।

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