अफगानिस्तान को युद्धक्षेत्र में तब्दील कर रहा अमेरिका, सुरक्षाबलों की मौजूदगी बढ़ा रही खून-खराबा

फगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपतिकाबुल| अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक बार फिर अमेरिका पर तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद खूनखराबा बढ़ रहा है। खामा प्रेस की रपट के मुताबिक, करजई पहले भी देश में अमेरिकी सुरक्षाबलों की मौजूदगी के खिलाफ कड़ा रुख जाहिर कर चुके हैं।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का दावा

अफगानिस्तान में चीनी राजदूत याओ जिंग के साथ रविवार को एक मुलाकात में करजई ने अफगानिस्तान के वर्तमान हालात पर चर्चा की और कहा कि क्षेत्रीय देशों को काबुल की मदद करनी चाहिए और इस देश को बर्बाद करने से अमेरिका को रोकना चाहिए।

तालिबान आतंकवादियों ने बाल्ख प्रांत स्थित 209 शाहीन सेना कोर मुख्यालय में सैन्यकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर कम से कम 140 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। घटना के वक्त सैनिक मस्जिद परिसर में नमाज पढ़ रहे थे।

पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी उसे एक युद्ध के मैदान में तब्दील कर रहा है।

महीने की शुरुआत में नांगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों पर अमेरिका द्वारा सबसे बड़ा बम ‘मदर ऑफ ऑल बम’ गिराए जाने के बाद करजई ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सुरक्षाबलों को खदेड़ने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया था, जिसके बाद उनका यह बयान सामने आया है।

रपट के मुताबिक, उन्होंने अमेरिका को हमला करने की मंजूरी देने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि अगर सरकार ने बड़े पैमाने पर बमों के इस्तेमाल को मंजूरी दी, तो यह कदम राष्ट्रीय राजद्रोह का कारण होगा।

करजई ने तालिबान तथा रूस के बीच संबंधों का समर्थन करते हुए कहा कि अफगानिस्तान का लगभग 50 फीसदी हिस्सा तालिबान से प्रभावित है और दुनिया की शक्तियों के पास उस समूह के साथ बातचीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

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