पीएम मोदी बोले- सरकारों की प्राथमिकता होनी चाहिए प्रेस की स्वतंत्रता

प्रेस की स्वतंत्रतानई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने प्रेस की स्वतंत्रता विषय पर चर्चा की। उन्होंने प्रेस काउंसिल के कार्यक्रम में अभिव्यक्ति की आजादी पर ख़ासा जोर दिया। आपातकाल का प्रकरण रखते हुए उन्होंने इस दौरान मीडिया की आवाज दबाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की। इसके साथ पत्रकारों की सुरक्षा को सरकारों की प्राथमिकता बताया। पीएम बात को आगे बढाते हुए कहा कि मीडिया की गलतियों से उसका आकलन नहीं किया जाना चाहिए।

प्रेस की स्वतंत्रता

प्रेस परिषद के कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘पत्रकारिता का एक अनिवार्य हिस्सा यह भी है कि जो दिखता है, सुनाई देता है उसके सिवाय भी कुछ खोजना।’

पीएम ने कहा कि अक्सर पत्रकार मित्रों की शिकायत होती है कि सूचनाएं मिल ही नहीं पाती हैं। मोदी ने इस समस्या को सरकारों के भीतर पसंदीदा पत्रकारों के लिए सिलेक्टिव लीकेज (खबर देने) जैसी बुराई का नाम दिया।

पीएम ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। पीएम ने मीडिया के काम में बाहरी हस्तक्षेप की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि मीडिया में आत्मनियंत्रण की व्यवस्था ही ज्यादा सही है।

बता दें कि एक न्यूज चैनल पर एक दिन के प्रसारण पर लगी रोक के बाद अभिव्यक्ति की आजादी का मसला जोर-शोर से उठाया गया था। हालांकि केंद्र सरकार ने बाद में इस फैसले पर खुद ही रोक लगा दी थी।

पीएम मोदी ने अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में ही बोलते हुए आपातकाल के दौर की भी याद दिलाई। मोदी ने कहा कि हम सभी को याद है कि कैसे आपातकाल के दौर में प्रेस परिषद को बंद कर दिया गया था।

उन्होंने इमर्जेंसी में मीडिया की आवाज दबाने का जिक्र करते हुए कहा कि हालात तब सुधरे जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।

पीएम ने मीडिया की सकारात्मक भूमिका पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मीडिया ने राज्यवार विकास की रिपोर्ट प्रकाशित कर राज्यों के बीच सकारात्मक कॉम्पिटिशन का भाव विकसित किया है।

पीएम ने स्वच्छता अभियान जैसे मसलों पर भी मीडिया की बढ़चढ़कर भागीदारी की तारीफ की। पीएम ने प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकारों की सुरक्षा का मसला भी उठाया।

पीएम ने कहा कि किसी पत्रकार की हत्या या उसपर हमला ज्यादा गंभीर मसला है। बताते चलें कि हाल ही में एक बार फिर बिहार में एक पत्रकार की हत्या हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में चिंता जाहिर की थी। यदि हम अपनी बात में अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं तो महज कहने से कुछ नहीं होगा। जरूरी है कि हम अपने कहे गए कथनों पर अमल भी करें। इस मौके पर पड़ोसी देशों से आए सभी मीडिया दिग्गजों का भी पीएम ने स्वागत किया।

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