नई दिल्ली : प्यार को ठुकराने पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के शादीशुदा एएसआई ने साईं मंदिर में सरकारी पिस्टल से पिथौरागढ़ निवासी प्रेमी अन्नू चौहान और उकी प्रेमिका की हत्या की थी।
जहां युवती ने एएसआई से दूरी बना ली थी। वहीं दोनों करीब 10 साल से संपर्क में थे। युवती का दूरी बनाना एएसआई को नागवार गुजरा। लेकिन पुलिस ने एएसआई और उसके एक साथी पिंटू शर्मा को गिरफ्तार किया है। साथ ही उससे सरकारी पिस्टल, तीन कारतूस व कार बरामद की है। ‘अमर उजाला’ ने 28 मार्च के अंक में आरोपी का युवती के नजदीकी होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
बता दें की नगर कोतवाली क्षेत्र के साईं उपवन के साईं मंदिर में सोमवार को प्रेमी युगल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लेकिन शनिवार को पांच दिन बाद पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया। देखा जाये तो एसएसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एएसआई दिनेश कुमार निवासी आर्य नगर पिलखुवा ने प्रेमी युगल की हत्या की थी। युवती आरोपी के साले की साली थी। रिश्तेदारी के कारण आना-जाना था। दोनों में प्रेम प्रसंग था। हत्या से दो दिन पहले युवती ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था।
वह दूसरे युवक से शादी करना चाहती थी और उससे शादी करना चाहती थी। शादी की बात तय हो चुकी थी। दिनेश इस बात से नाराज था। वह उससे संबंध बनाए रखना चाहता था। युवती ने उससे मिलना-जुलना भी बंद कर दिया था। 25 मार्च को एएसआई की ड्यूटी ट्रैफिक पुलिस में सीमापुरी सर्किल जिला नार्थ ईस्ट दिल्ली में थी। रविवार रात आठ से सोमवार सुबह आठ बजे तक ड्यूटी थी, लेकिन दिनेश ने उस दिन ड्यूटी छोड़ दी।
दरअसल वह युवती से मिलना चाहता था। उसे पता था कि युवती सुबह साढ़े सात बजे स्कूल की एक शॉप पर नौकरी करने के लिए जाती है। सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे दिनेश अपने मित्र पिंटू शर्मा निवासी न्यू मॉर्डन शाहदरा दिल्ली के साथ कार से युवती के घर के सामने पहुंच गया। देखा कि युवती एक युवक की स्कूटी पर बैठकर जा रही है। उसने युवती का पीछा किया। युवती प्रेमी के साथ साईं मंदिर पहुंची।
वहीं पूजा करने के बाद वह मंदिर से बाहर निकल रही थी, इसी दौरान आरोपी ने उसे रोक लिया और अपने साथ चलने के लिए कहा। युवती ने इसका विरोध किया। इससे नाराज दिनेश ने सरकारी पिस्टल से युवती को गोली मार दी। युवती के प्रेमी ने विरोध किया तो उसे भी गोली मार दी। तीन गोली युवती और चार गोली युवक को मारी। इसके बाद आरोपी कुछ दूर तक तो पैदल चला। उसके बाद अपने दोस्त की कार में बैठकर फरार हो गया।
कह्ब्रो के मुताबिक पुलिस का कहना हैं की हत्यारोपी ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में ही गोली बरसाकर हत्या की थी। कोई पहचाने न इसके लिए आरोपी ने वर्दी के ऊपर जैकेट पहन रखी थी। वह जानता था कि वर्दी में हत्या करेगा तो आसानी से पकड़ा जाएगा। रिश्तेदार भी आसानी से पहचान लेंगे।
बावजूद इसके मौके पर मिले 9 एमएम के खाली खोखे और मौके पर मौजूद लोगों द्वारा बताए गए हुलिए से पुलिस का काम आसान हो गया था।हत्यारोपी ने पुलिस को बताया कि युवती और उसके परिवार के लोगों ने 10 से 12 लाख रुपये उधार ले रखे थे। युवती दूसरी जगह शादी कर रही थी। जहां उसके परिवार के लोग उधार रुपये भी नहीं दे रहे थे। बताया कि युवती के पिता ने तीन लाख रुपये उधार लिए थे।
पुलिस को साक्ष्य मिलने के बाद आरोपी की पहचान के लिए मृतका के परिजनों को बुलाया। जो भी आया उसने थाने में आते ही आरोपी के पैर छूकर सम्मान दिया, लेकिन तब तक उन्हें यह नहीं पता था कि असली हत्यारोपी वही है।
युवती और उसके प्रेमी की हत्या के बाद पंचनामा के समय युवती के परिजनों ने आरोपी दिनेश को फोन करके बुलाया, लेकिन वह ड्यूटी का हवाला देकर पहुंचा नहीं। उसने बताया कि वह वहां जाता तो लोग पहचान लेते।हत्यारोपी चार बच्चों को पिता है। उसका परिवार पिलखुवा में रहता है। बच्चे वहीं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। वह दिल्ली से बीच-बीच में ड्यूटी करके घर आता-जाता है।
https://www.youtube.com/watch?v=1OuBAfDrvwo