मेट्रो मांग रही आस्था का बलिदान, की जा रही भगवान का आसन छीनने की तैयारी  

प्राचीन मंदिर तोड़नेजयपुर। मेट्रो लाइन बिछाने के बीच में धार्मिक आस्था आ जाने काफी बवाल खड़ा हो गया। दरअसल जयपुर में मेट्रो लाइन के रास्ते में दो प्राचीन मंदिर आ रहे हैं। रास्ता साफ़ करने के लिए मेट्रो प्रशासन ने इन मदिरों को तोड़ने का फैसला लिया। लेकिन इस फैसले से इलाके की जनता विरोध पर उतर आई और जमकर प्रदर्शन किया। हंगामा इतना बढ़ गया कि मामले को कंट्रोल करने के लिए मेट्रो अधिकारियों को पुलिस बल बुलाना पड़ा। बता दें यह पहला मामला नहीं है जब मेट्रो ने किसी प्राचीन मंदिर तोड़ने की बात की हो। इससे पहले भी मेट्रो के बीच में आने वाले कई प्राचीन मंदिर तोड़े जा चुके हैं।

प्राचीन मंदिर तोड़ने की बात पर हंगामा

ख़बरों के मुताबिक़ मेट्रो के रूट में आने वाले मंदिरों को जयपुर मेट्रो प्रबंधन ने जिला प्रशासन की मदद से पूर्व में भी कई बार तोड़ा है। इसी कड़ी में दो और मंदिर तोड़े जा रहे हैं।

यह मंदिर शिव परिवार, हनुमान जी और गणेशजी के हैं, जो मेट्रो के रास्ते में आ रहे हैं। ऐसे में जयपुर मेट्रो इन मंदिरों को भी हटा रही है।
इसी तरह पूर्व में हटाए गए रोजगारेश्वर मंदिर के मामले में विवाद हो गया था। प्राचीन मंदिर को हटाए जाने पर आमजन ने आंदोलन कर दिया था।

इसके बाद जिला प्रशासन ने उसी स्थान पर फिर से मंदिर का पुनर्निर्माण कराने का फैसला किया। बाद में उसी स्थान पर नींव भी रखी गई।

लंबे समय से मंदिर तोड़े जाने का विरोध कर रही मंदिर बचाओ संघर्ष समिति ने बुधवार को फिर विरोध किया।

मामले की सूचना को मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। विरोध प्रदशन के लिए जाते वक्त ही पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए समिति के लोगों को बड़ी चौपड़ जाने से रोक दिया।

छोटी चौपड़ पर पुलिस ने काफी देर तक चले हंगामें के बाद इन सभी लोगों को गिताफ्तार कर लिया।

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