प्रशासन की लापरवाही, आठ लोगों की टूटे पुल ने ली जान

प्रशासन की लापरवाहीलखनऊ। गाजीपुर जिले में प्रशासन की लापरवाही के चलते 8 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। घटना गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव के पास मगई नदी पर बने पुल के टूटने से हुई। मोहम्मदाबा थाना क्षेत्र के बढ़ईपुर गांव में रहने वाला एक परिवार अपने परिजन को सांप काटने के बाद झाड़फूंक कराने के लिए बड़ेसर के एक प्रसिद्ध मंदिर पर ले जा रहे थे। यह हादसा उसी समय हुआ।

सूमो में सवार 10 लोगों में से 6 की मोके पर मौत हो गई। मरने वालों में तीन महिला और तीन पुरुष शामिल है। जबकि एक किशोरी सहित 2 के शव को सोमवार सुबह गोताखोरों ने नदी से निकाला। इस घटना को लेकर थानाध्यक्ष नोनहरा सुरेंद्र यादव ने बताया कि सोनबरसा गांव के पास मगई नदी पर बना पुल बाढ़ के चलते 29 सितंबर को बह गया। दोनों किनारों से करीब 30 फुट पुल बह जाने के कारण आवागमन बंद कर दिया गया था ।

यादव के मुताबिक, इसकी सूचना जिलाधिकारी समेत तमाम आलाधिकारियों को दी गई थी और नोनहरा थाना पुलिस द्वारा आवागमन रोकने के लिए हसंभव काम किया गया था। लेकिन रविवार रात सांप के काटने पर झांड़-फूंक कराने के लिए सूमो में सवार 10 लोग अमवा की सती माई मंदिर जा रहे थे। मौके पर तैनात चौकीदार और ग्रामीणों ने उन्हें आगे न जाने के लिए आवाज दी, लेकिन सूमो के तेज रफ्तार होने की वजह से ड्राइवर गाड़ी को आगे लेकर चला गया।

इसके बाद यह हादसा हुआ। हादसे में 6 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 3 गंभीर रूप से घायल लोगों को ग्रामीणों की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया।

वहीं प्रत्यक्षदर्शीयों के मुताबिक, ‘तेज आवाज होने और चीखपुकार की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी थानाध्यक्ष नोनहरा को दी गई। नोनहरा थाने की पुलिस और ग्रामीणों की मदद से सभी को नदी से बाहर निकाला गया। 6 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे।’

घटना के बाद प्रधानप्रतिनिधि का कहना है कि पुल टूटने की सूचना कई बार जिले के आलाधिकारियों को दी जा चुकी थी। जिसका अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना भी किया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

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