भगोड़ा घोषित हुए माल्या

प्रवर्तन निदेशालयमुंबई | बैंक लोन केस में आरोपी विजय माल्या को मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से अपील की थी कि माल्याा जानबूझ कर गिरफ्तारी से बचने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं इसलिए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाए। माल्याा पर देश की बैंको से लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार होने का आरोप है।

प्रवर्तन निदेशालय की दलील

प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि विजय मालया को यह जानकारी है की उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है फिर भी वह जांच एजेंसी के सामने नहीं आ रहे है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि विजय माल्या मीडिया के जरिए बयान दे रहे है जबकि सामने नहीं आ रहे है। विजय माल्या ने कुछ प्रॉपर्टी बेची है जिसमे उसका सहभाग था, ऐसा सामने आ रहा है। जिसका यह मतलब है की विजय माल्या सक्रिय तरीके से काम कर रहा है लेकिन ईडी से बच रहा है।
क्या होता है भगोड़ा घोषित

आपराधिक मामले में जिस आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है वह वारंट तामील नहीं होने देने के लिए भागा हुआ हो या छिप रहा हो। इस तथ्य पर अदालत के भरोसा कर लेने पर आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जाता है। सीआरपीसी की धारा 82 के तहत अदालत एक लिखित घोषणा जारी कर सकती है। इसमें आरोपी को बताई गई जगह और समय पर 30 दिनों के भीतर हाजिर होने के लिए कहा जाता है।
माल्या भारत छोड़कर जा चुके है
आपको बता दें कि माल्या अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए दो मार्च को भारत छोड़कर चले गए थे। पिछले साल सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने माल्या एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। ईडी, किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय ढांचे और कर्ज लेने के लिए कमीशन के कथित भुगतान के आरोपों की भी छानबीन कर रही है।

LIVE TV