‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ में ठेकेदार और ऑफसरों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला

रिपोर्ट- अमर सदाना

छत्तीसगढ़ – केंद्र व राज्य सरकार की किसी भी योजना से वनांचल क्षेत्रों में निर्माण कार्य होता है तो ठेकेदारों व ऑफिसरों की मिली भगत से भ्रष्टाचार को अंजाम देने का मामला अमूमन प्रकाश में आता है वहीं ताजा उदाहरण घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र खोलारघाट में देखने को मिला जहाँ पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लगभग 1 करोड़ 59 लाख की लागत से सड़क निर्माण किया जा रहा जिसमे जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखण्ड के ग्राम खोलारघाट से ख़ुर्शीपार तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2018 से सड़क निर्माण किया जा रहा है जो आज तक पूरा नही हुआ निर्माण के 1करोड़ 59 लाख राशि स्वीकृत हुआ है निर्माण एजेंसी के लिये बिलासपुर के ठेकेदार रामावतार को शासन ने अधिकृत किया है ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य मे गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा,मुरम बिछाते समय गिटटी की मात्रा भी बहुत कम डाल रहे है।

सड़क निर्माण के लिये मिट्टी व मुरूम को जंगल से खनन कर जंगल के आस पास क्षेत्र की सुंदरता के अलावा पर्यवरण को नुकसान पहुँचा रहे है पर्यावरण के नुकसान को देखते हुए समाजिक संस्था छत्तीसगढ़ सेवा कल्याण परिषद ने पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को शिकायत किया है और वन विभाग के द्वारा पशु,पक्षी,जंगली जानवरों एवं गाँव के मवेशियों के पानी पी सके इस लिये डबरी बनाया गया जिसमें पानी स्टोर रहता है ।

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उस पानी के अलावा तालाबो से पानी चोरी कर निर्माण कार्य मे लगया जा रहा औेर इनके द्वारा खनन करने से जंगल मे बडे बडे पेड़ों को भी नुकसान पहुँच रहा है जब इस सम्बन्ध में निर्माण कार्य के सुपरवाइजर से बात किया गया तो उनका जवाब भी सन्तोष जनक नही रहा उन्होंने कहे कि पूरा निर्माण कार्य को ठेकेदार सुपरवाइजर के माध्यम से करवा रहे है वही ठेकेदार के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं वन विभाग के अधिकारियों का खुला संरक्षण प्राप्त होता प्रतीत हो रहा हैं क्योकि बिना अधिकारी के संरक्षण के इतना बड़ा भ्रष्टाचार संभव नहीं ।

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