प्रणव को दिखाई नहीं देता लेकिन उनकी खींची तस्वीरें सब देखते हैं

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांग को दिव्यांग नाम दिया तो लोगों ने इस फैसले को सराहा। लेकिन दिव्यांग के मायने जानने हों, तो दिल्ली के प्रणव लाल से मिलिए।

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प्रणव जन्म से दृष्टिहीन हैं। आम लोगों से इतर उनकी जिंदगी में रंग नहीं हैं। इसके बावजूद प्रणव एक ऐसा काम करते हैं, जो दूसरों के लिए आसान नहीं होता है।

प्रणव बेहतरीन फोटोग्राफर हैं। उनकी आंखें भले साथ न देती हों, लेकिन संवेदनशीलता की कमी उनमें नहीं है।

दिल्ली की एक व्यावसायिक कंपनी में काम करने वाले प्रणव वक्त मिलने पर अपना शौक पूरा करते हैं। उनकी खींची तस्वीरें देखकर आप हैरत में पड़ सकते हैं।

उनकी तस्वीरों का धुंधलापन ही उनकी खूबी है। एक आम फोटोग्राफर के लिये यह आसान नहीं है। प्रणव बस पूरी संवेदनशीलता के साथ कोशिश करते हैं। इस कोशिश में उनका साथ ‘वॉइस’ नाम की एक डिवाइस देती है।

यह डिवाइस हेडफोन की तरह है। प्रणव के कानों में लगी यह डिवाइस उनकी आंख की तरह काम करती है। यह सामने के दृश्‍य को प्रणव की आवाज के साथ परिवर्तित कर देती है।

अपने इस हुनर को संवारने के लिए बीते दिनों प्रणव ने गोवा में आयोजित पिनहोल कैमरा कार्यशाला में हिस्सा लिया और कुछ खास तस्‍वीरों को खींचा। उनकी तस्वीरों ने यहां लोगों का दिल जीत लिया।

प्रणव का कहना है कि बचपन से ही उनके माता-पिता ने उन्‍हें पूरा सहयोग दिया है। बिना उनके सहयोग के यह सब संभव न हो पाता।

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