युवाओं को संघर्षपूर्ण इतिहास समझने की जरूरत : प्रणब

प्रणब मुखर्जीपटना। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां सोमवार को कहा कि आज युवाओं को संघर्षपूर्ण इतिहास को न केवल समझने की जरूरत है, बल्कि इसके आत्मसात करने की भी जरूरत है। ‘चंपारण सत्याग्रह’ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर पटना में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होना सौभाग्य की बात है।

राष्ट्रपति ने कहा, “स्वतंत्रता सेनानियों का जुल्म के खिलाफ अमूल्य योगदान रहा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। अब हमें विकसित भारत के सपने को साकार करना है।”

उन्होंने बिहार के स्वर्णिम इतिहास को याद करते हुए कहा, “बिहार का अपना एक इतिहास रहा है। महात्मा गांधी ने बिहार को अपनी कर्मस्थली बनाई। गांधी ने देश के लिए जो कुछ किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता।”

इसके पूर्व राष्ट्रपति ने 15 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया।

इस समारोह में कुल 2,972 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 19 राज्यों के 264 और बिहार के 2,708 में से चुने गए 554 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। जो स्वतंत्रता सेनानी नहीं पहुंचे सके हैं, उन्हें उनके घर जाकर सम्मानित किया जाएगा।

इससे पहले राष्ट्रपति के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति सीधे कार्यक्रम स्थल पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने चंपारण जिले में अंग्रेज शासकों द्वारा नील की खेती के लिए किसानों को बाध्य करने के खिलाफ 10 अप्रैल, 1917 को सत्याग्रह की शुरुआत की थी। इसके सौ साल पूरे होने पर बिहार में बीते सप्ताह से समारोहों की शुरुआत हुई।

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