पेंसिल की नोंक पर मूर्तियां, माइक्रो मिनिएचर आर्ट का अदभुत प्रदर्शन

पेंसिल की नोंकनई दिल्ली| मन में कुछ अलग और नया करने की चाहत हो तो मुश्किलें भी आपका रास्ता नहीं रोक पातीं। इसका जीत-जागता उदाहरण झारखण्ड पवेलियन में देखने को मिल रहा है। यहां राकेश कुमार शर्मा पेंसिल की नोंक को तराश कर उसे माइक्रो मिनिएचर आर्ट के जरिए शानदार मूरत में तब्दील कर रहे हैं।

पेंसिल की नोंक पर मूर्तियां

झारखण्ड के जमशेदपुर के पास स्थित जिला सराय केला खरसावा निवासी राकेश बताते हैं कि उन्हें बचपन से उत्सवों और पंडालों में बनाई जाने वाली मूर्तियों के प्रति आकर्षण था। वहीं से उन्होंने मूर्तियां बनाना सीखा। लेकिन उन्हें मिट्टी की मूरत के बजाय पत्थर और लकड़ी को तराश कर मूर्तियां बनाना ज्यादा पसंद था।

धीरे-धीरे यही उनका व्यवसाय और पैशन बन गया। लेकिन उन्हें बड़ी-बड़ी मूर्तियों के बजाय छोटी से छोटी मूर्तियां बनाना पसंद था। इसलिए जहां वह पहले पेड़ के तनों और पत्थरों को तराश कर मूर्तियां बनाते थे, वहीं अब माइक्रो मिनिएचर आर्ट के जरिए लकड़ी के बहुत छोटे टुकड़ों से लेकर पेंसिल की नोक तक तराशकर उन्हें मूर्तियों की शक्ल में तब्दील करते हैं।

झारखण्ड पवेलियन में उन्होंने 50 रुपये से पांच हजार रुपये तक की ऐसी माइक्रो मूर्तियां प्रदर्शित की हैं। पेंसिल की नोंक पर तराशी गईं मूर्तियों को वह रिकॉर्ड बुक में दर्ज करना चाहते हैं। साथ ही वह इस कला को आगे बढ़ाने के लिए छोटे बच्चों और बड़ों को भी माइक्रो मिनिएचर आर्ट सीखा रहे हैं।

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